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मेरठ:यूनिवर्सिटी में दक्षिण कोरिया की छात्राओं से बदसलूकी,लगे जय श्रीराम के नारे

छात्राओं ने ईसा मसीह के बारे में बताया तो छात्रों ने वीडियो बनाकर धर्मांतरण के लिए प्रचार करने का आरोप लगा दिया

क्विंट हिंदी
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<div class="paragraphs"><p>विश्वविद्यालय में बदसलूकी और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है.</p></div>
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विश्वविद्यालय में बदसलूकी और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है.

फोटो: क्विंट)

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दिल्ली में (Delhi) में हिंदी सीख रही 3 दक्षिण कोरिया की छात्राओं को मेरठ के चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय में बदसलूकी और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है. विदेशी छात्राओं को देखकर हिंदूवादी संगठनों से जुड़े छात्रों ने उन पर धर्मांतरण के लिए प्रचार-प्रसार के आरोप लगाये थे. विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक ट्रैप के तहत उनसे ईसा मसीह के बारे में जानकारी मांगी. जब छात्राओं ने ईसा मसीह के बारे में बताया तो आरोपी छात्रों ने वीडियो बनाकर विदेशी छात्राओं पर धर्मांतरण के लिए प्रचार करने के आरोप लगा दिये. मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने अज्ञात छात्रों और युवकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया है.

21 जनवरी को मेरठ में एक दोस्त के घर तीनों कोरियन लड़कियां मिलने आयी थी. तीनों मेरठ के चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय पहुंचीं. दक्षिण कोरिया की ये लड़कियां विश्वविद्यालय कैंपस देखना चाहती थी. इसलिए स्थानीय छात्रों से बातचीत में उन्हें कोई दिक्कत नही थी. तीनों छात्राओं को विश्वविद्यालय में देखकर स्थानीय छात्रों ने उनसे बातचीत शुरू की. उनमें से एक विदेशी लड़की कैंटीन में पहुंच गयी. लड़कियों को हिंदूवादी संगठन से जुड़े छात्रों ने रोक लिया.

कॉलेज में बदसलूकी

दोनों ओर से धर्म की जानकारी के बारे में बातचीत शुरू हुई. स्थानीय छात्रों ने उनसे ईसा मसीह के बारे में बताने को कहा. उनमें से जब एक विदेशी छात्रा ईसा मसीह के बारे में बता रही थी तभी स्थानीय छात्रों ने उनका वीडियो बना लिया. सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो एक मिनट 31 सेकेंड का है. इस वीडियो में स्थानीय छात्रों के चेहरे सुनने की मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद छात्रों ने विदेशी छात्राओं से बदसलूकी शुरू कर दी.

एक दूसरा वीडियो 32 सेकेंड का है. इसमें विदेशी छात्राएं, जहां खड़ी थीं, वहां से नीचे उतरती दिख रही हैं. एक स्थानीय छात्र उनसे पूछ रहा है- "क्या उनके साथ में कोई और आया है. इसके बाद वह कहता है कि आपका मकसद क्या है? ईश्वर सिर्फ राम है और कोई ईश्वर नही है. यह क्रिश्चियन मिशनरीज है, जो यहां आना चाह रहे है." इसके बाद वीडियो में विदेशी लड़कियों के आसपास घूमते कुछ छात्र चेहरा ढककर उनकी हूटिंग करने लगते है. जय श्री राम के नारे लगते हैं. इस दौरान विदेशी लड़कियों के चेहरे निराशा और डर से भरे हुए नजर आते है. वह छात्रों के बीच से बचने की कोशिश करती दिखती है.

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तीसरे वीडियो में कपड़े से चेहरा ढके लड़के विदेशी लड़कियों के बेहद नजदीक आते दिखते है. वह शोरगुल कर रहे है और जय श्रीराम के नारे लगा रहे है. छात्र इस वीडियो में मोबाइल कैमरे से उनका वीडियो बनाते भी दिख रहे है. इसके अलावा एक और भी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें तेज आवाज में बातचीत हो रही है. यह वीडियो हिंदूवादी संगठन से जुड़े छात्रों ने अपने मोबाइल फोन से शूट किये और फिर वीडियोज को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया.

मौके पर पहुंचे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना दी गयी थी कि विदेशी छात्राएं क्रिश्चियानिटी का कैंपस में प्रचार कर रही है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें सुरक्षित किया और फिर थाने में ले जाकर उनसे पूछताछ की. छात्र हंगामा कर रहे थे. जांच में पाया गया कि विदेशी लड़कियां दक्षिण कोरिया की निवासी है और भारत में टूरिस्ट वीजा पर आयी हैं. पुलिस ने उनके बारे में जानकारी लेने के बाद पाया कि वह केवल विश्वविद्यालय का कैंपस देखने आयी थी. उन्हें सुरक्षित दिल्ली वापस भेज दिया गया है.

पुलिस ने दर्ज किया केस

रविवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस शुरुआत में तमाम स्पष्टीकरण देती रही. वीडियो के आधार पर आरोपियों की जानकारी के लिए स्थानीय खुफिया विभाग के अफसर विश्वविद्यालय कैंपस पहुंचे और जांच की. देर रात मेडिकल थाना पुलिस ने अज्ञात छात्रों के खिलाफ विदेशी छात्राओं से अभद्रता का केस दर्ज कर लिया है.

कॉलेज कैंपस पहुंचे जांचकर्ता अधिकारी ने बताया कि तीनों विदेशी छात्राओं ने केवल मेरठ ही नही, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में रहकर भी कई विश्वविद्यालयों के कैंपस देखे हैं. दिल्ली में वह हिंदी सीख रही हैं. उन्होंने अपने देश में रहने वाले भारतीयों से हिंदी सीखी है. दक्षिण कोरिया में बड़ी तादात में भारतीय रहते हैं और उनका व्यवहार परिवार सरीखा है. जो विदेशी लड़कियां मेरठ आयी थीं, उनके नाम ली ज्वांग, किम न्योंग और किम योंग है. छात्राओं ने अधिकारी को यह भी बताया कि सोमवार 23 जनवरी को वह अपने देश वापस लौट रही हैं.

आरोपियों की तलाश जारी

मेरठ के पुलिस अधीक्षक नगर पीयूष कुमार सिंह ने बताया है कि अभी आरोपियों की शिनाख्त नहीं हो सकी है. वीडियो के आधार पर उनकी पहचान की जा रही है. क्रिश्चियानिटी के प्रचार का कोई मामला नहीं पाया गया है. कुछ लड़कों ने षड़यंत्र के तहत वीडियो बनाकर विदेशी लड़कियों पर कथित आरोप लगाये थे. भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए के अन्तर्गत केस दर्ज है. आरोपियों की शिनाख्त के बाद उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की जायेगी.

सीसीएस विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार धीरेन्द्र कुमार सिंह ने इस घटना की जानकारी होने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि अगर प्रॉक्टेरियल बोर्ड कोई जानकारी देता है तो उस आधार पर विश्व विद्यालय प्रशासन आरोपियों पर फैसला लेगा. वहीं पुलिस ने भी धर्मांतरण की बात को खारिज किया है.

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Published: 23 Jan 2023,10:22 AM IST

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