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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
कैमरा: मुकुल भंडारी
यंग एज में कमाई तो शुरू हो गई लेकिन इस कमाई को बचाएंगे नहीं तो नुकसान में रहेंगे. क्विंट हिंदी की स्पेशल सीरीज ‘पैसा है तो संभव है’ के नौवें एपिसोड में जानिए- कम उम्र में सेविंग को लायबिलिटी नहीं बल्कि आदत बना लेने से कैसे बन सकते हैं करोड़पति!
सैलरी का कितना हिस्सा खर्च करें, कितना करें बचत? ‘50-30-20’ मनी फॉर्मूला करेगा आपकी मदद.
फॉर्मूला के तहत सैलरी का 50% हिस्सा आप रखेंगे अपनी जरूरत के खर्चों के लिए जैसे कि ग्रोसरी, रेंट, बिल पेमेंट्स, अगर कोई लोन है तो EMI पेमेंट यानी वो सारे खर्चे जो हर महीने रूटीन की तरह पूरे करने ही होते हैं.
30% का इस्तेमाल करेंगे अपने मजे के लिए यानी चाय-कॉफी मेक-अप, शॉपिंग , नेटफ्लिक्स सब्सक्रिप्शन, इटींग आउट और सैलरी का बाकी बचा 20% आप करेंगे सेव यानी बचत और हर एक बचाया पैसा आपके लिए वेल्थ क्रिएट करेगा.
अब इस मनी रूल के साथ 30,000 रु. की सैलरी को ब्रेक डाउन करते हैं.
लेकिन केवल बचत करने से बात नहीं बनेगी अगर सेविंग केवल बैंक अकाउंट की शोभा बढ़ाए तो इस सेविंग का कोई मतलब नहीं. इस बचत को मल्टीप्लाई करना होगा. इतना मल्टीप्लाई कि 6,000 बन जाए 6 करोड़ रुपये.
क्या करें कि इसपर आपको रिटर्न ही नहीं बल्कि पावर ऑफ कंपाउंडिंग का फायदा मिले ताकि आपका निवेश डबल,ट्रिपल लेवल पर बढे़ और बढ़ता ही चला जाए.
इसमें आपकी मूल राशि पर ब्याज लगता है और फिर ब्याज वाली रकम बन जाती है मूल राशि और अगले साल इस बढ़ी हुई रकम पर ब्याज मिलेगा. ये साइकिल ऐसे ही चलती जाएगी. तो अगर 1,00000 रुपये पर पहले साल 15% ब्याज मिलता है तो ये 1,15,000 बनता है और अब अगले साल इस 1,15,000 पर ब्याज मिलेगा जो इसे 1,32,000 तक पहुंचाएगा. अब इस बढ़ी हुई राशि पर अगले साल ब्याज मिलेगा. जब आप इसे 35 साल तक इन्वेस्ट करेंगे तो पावर ऑफ कंपाउंडिंग इसे 13 करोड़ रुपये पर पहुंचा देगी.
वैसे तो इंट्रेस्ट देने वाले कई फाइनेंशियल ऑप्शन हैं लेकिन आप अगर यंग हैं और इन्वेस्टमेंट पीरियड लंबा रख सकते हैं. उम्र आपके फेवर में है तो आप ज्यादा रिस्क ले सकते हैं. हमारे हर रिटर्न में ये ध्यान रखने की जरूरत है कि महंगाई भी बढ़ रही है तो क्या हमारा रिटर्न महंगाई दर को पीछे छोड़ पा रहा है?
और इस फ्रंट पर FD पर मिलने वाले 4 से 6.50% के इंट्रेस्ट से लेकर रिकरिंग डिपॉजिट के 7% के इंट्रेस्ट के मुकाबले आपको इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड बेहतर रिटर्न दे देते हैं. अगर आपको 12-15% रिटर्न मिलेगा और ये साल दर साल पावर ऑफ कंपाउंडिंग से गुणा होता रहे तो जाहिर सी बात है इसमें फायदा ज्यादा होगा.
इक्विटी म्यूचुअल ग्रोथ फंड में हर महीने एक बंधी हुई रकम से इन्वेस्टमेंट करें जिसे कहा जाता है SIP यानी Systematic Investment plan. इसके जरिये आप अपनी बचत को स्टॉक मार्केट के किसी एक स्टॉक पर नहीं बल्कि मिलेजुले सेक्टर्स और कंपनियों के स्टॉक्स के फंड में लगाएंगे. इससे फायदा ये होगा कि किसी एक या दो कंपनी के शेयर गिरने पर भी आपके पैसे नहीं डूबेंगे.
वापस आते हैं ‘50-30-20’ के रूल पर. 30,000 की सैलरी के 20% से करनी है सेविंग की शुरूआत. तो समझते हैं कि इसका 20% आपको क्या कमा कर दे सकता है.
सैलरी का 20% हुआ 6,000 यानी साल के 72,000 रुपये. इसे डालिए SIP में. आपकी उम्र है 30 साल. आप हर महीने कसम खाएंगे कि 6,000 आपको इन्वेस्ट करना है तो करना ही है और जाहिर सी बात है कि हर साल सैलरी बढ़ेगी और जब बढ़ेगी तो SIP के निवेश की रकम को स्टेप-अप करना न भूलें.
लेकिन अभी मैं यही मानकर चलती हूं कि आप 6,000 ही इन्वेस्ट कर रहे हैं.15 साल आप इन्वेस्ट करेंगे जिसपर आपको 15% का रिटर्न मिल रहा है. 15 साल तक सालाना 72,000 का निवेश 10,80,000 रुपये बन जाता है यानी आपने इतने पैसे लगाए. आपकी फंड की ग्रोथ और आपके यूनिट्स के रिइन्वेस्टमेंट के बाद 15 साल में फाइनल रकम यानी फंड की वैल्यू होगी 40,61,000 रुपये यानी धीरे धीरे अगर आप केवल 6,000 के निवेश को ही करते रहेंगे तो ये आपको लखपति तो बना ही रहा है.
बिल्कुल अगर 15 साल की जगह 30 साल मे ये फंड मैच्योर हो रहा है और आपने 15 साल तक पेमेंट की और फिर इसे 15 साल तक मैच्योर होने के लिए छोड़ दिया यानी इन्वेस्टेड रखा तो जब आप 60 साल के होंगे ये 6,000 बन चुके होंगे 3,30,00000 रुपये.
अब जरा SIP की राशि को बढ़ाते हैं.
स्वीट 15 का मैजिक!
आप 30 साल के हैं हर महीने 15,000 रुपये SIP में डालेंगे. 15 साल तक इन्वेस्ट करेंगे, जिसपर15% का इंट्रेस्ट मिलेगा तो 45 साल के जब आप होंगे तो ये बन जाएंगे 1 करोड़ रुपये. और इसे अगर आप 30 साल तक मैच्योर होने देंगे तो आप 60 साल में 8 करोड़ 26 लाख के मालिक होंगे यानी आप बन सकते हैं करोड़पति.
लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए धैर्य की जरूरत पड़ेगी और अपने निवेश को लंबे समय तक एक रूटीन की तरह करते रहना पड़ेगा.
तो क्या सोच रहे हैं? मन कर रहा है ना कि ‘50-30-20’ मनी फॉर्मूला में क्यों 20% ही सेव करें? इसे ‘50-20-30’ बनाइए ताकि बड़े फाइनेंशियल गोल्स को हासिल कर सकें.
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