Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019''इंसानियत सबसे बड़ा धर्म''-रामदेव का अंतिम संस्कार करने वाले रिजवान का संदेश

''इंसानियत सबसे बड़ा धर्म''-रामदेव का अंतिम संस्कार करने वाले रिजवान का संदेश

रामदेव शाह पटना के राजा बाजार में मोहम्मद रिजवान की दुकान पर काम करते थे.

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''इंसानियत सबसे बड़ा धर्म''-रामदेव का अंतिम संस्कार करने वाले रिजवान का संदेश

फोटो - क्विंट

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देश में एक तरफ जहां धार्मिक उन्माद की खबरें आ रही हैं और माहौल धर्मों के बीच दूरी करने का काम कर रहा है. ऐसे में दूसरी तरफ बिहार से आई ये खबर उम्मीद की किरण देती है. दरअसल 75 वर्ष के रामदेव शाह (Ramdev Shah) का पटना (Patna) में एक जुलाई शुक्रवार को निधन हो गया था. रामदेव शाह पटना के राजा बाजार में मोहम्मद रिजवान (Mohammad Rizwan) की दुकान पर काम करते थे. जब उनका निधन हुआ तो उनका अंतिम संस्कार करने वाला उनका कोई परिवार नहीं था. ऐसे में रिजवान और उनके परिवार ने ही रामदेव शाह का हिन्दू रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया. वीडियो वायरल हुआ तो रिजवान की तारीफ हुई. क्विंट ने मोहम्मद रिजवान से बात की.

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मोहम्मद रिजवान क्विंट को बताया कि मृतक रामदेव शाह उनके पिता की उम्र के थे और उनके पिता समान थे. उन्होंने बताया कि रामदेव शाह ने उनके साथ 20-25 साल तक काम किया और जब वह काम करने के लायक नहीं रहे तो उन्हें उन्होंने घर बैठा दिया और उनकी सैलरी देते रहे.

मोहम्मद रिजवान ने बताया कि रामदेव शाह जहां रहते थे उनके मकान मालिक से कह रखा था कि इनको कुछ होगा तो उनको और उनके भाइयों को तुरंत सूचना दे दें. उसी के मुताबिक उन्हें सूचना दे दी गई. जिसके बाद उन्होंने और दुकान के अन्य स्टाफ ने मिलकर उनका अंतिम संस्कार दिया.

रामदेव शाह के साथ काम करने वाले विजय कुमार बताते हैं कि रामदेव शाह और मोहम्मद रिजवान का रिश्ता बाप बेटे जैसा था और स्टाफ से भी उनका संबध अच्छा था.

धर्म के बंटवारे के नाम पर विजय कुमार कहते हैं कि कुछ अनपढ़ जाहिल लोग नफरत फैला रहे हैं, जो पढ़े लिखे हैं इन सब में रहते हैं. इस सवाल के जवाब में मोहम्मद रिजवान कहते हैं कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का धर्म होता है, जो देश में इस वक्त माहौल दिखाया जा रहा है वो है नहीं हम सब सुःख-दुःख में इस वक्त एक दूसरे के साथ हैं.

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