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वीडियो एडिटर: दीप्ती रामदास
टूलकिस केस में दिशा रवि (Climate Activist Disha Ravi) की गिरफ्तारी से देश के अलग-अलग शहरों के युवा क्लाइमेट एक्टिविस्ट परेशान और डरे हुए हैं. द क्विंट ने कई ऐसे ही एक्टिविस्ट और उनके अभिभावकों से बातचीत की और जानने की कोशिश की कि आखिर उनके मन में इस पूरे मामले को लेकर क्या चल रहा है.
क्विंट से बातचीत में कुछ युवा एक्टिविस्ट बताते हैं कि पहले वो किसी मुद्दे पर पूरे दमखम और साहस के साथ अपनी बात रखते थे लेकिन अब प्रदर्शन करने से कतरा रहे हैं. इन लोगों में से कुछ का कहना है कि जलवायु संकट से भारत समेत पूरी दुनिया जूझ रही है लेकिन फिर भी जिन देशों में धुव्रीकरण है वहां इसपर काम करना मुश्किल हो गया है.
इस वीडियो में अपने जिन लोगों से बात की है, उनके नाम गुप्त रखे हैं. दिल्ली की रहने वालीं 17 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट का कहना है कि उनके पेरेंट्स अब सोशल मीडिया बंद करने को कह रहे हैं- 'वो कह रहे हैं कि मैं अपना सोशल मीडिया अकाउंट कुछ दिनों के लिए बंद कर दूं, उन्होंने मुझसे कहा कि 'धरती को बाद में भी बचाया जा सकता है, पहले कॉलेज पर फोकस करो'
वहीं दिल्ली की ही क्लाइमेट एक्टिविस्ट के माता-पिता का कहना है - ‘असल में भारत कोई यूरोप नहीं है, हम अपने बच्चों को किसी प्रोटेस्ट में भेज कर खुद घर पर नहीं बैठ सकते, मैं बहुत आहत हूं, कौन माता- पिता शांति से सो पाएगा, आप ही बताओ?
देश के कई ग्रीन एक्टिविस्ट्स के कामकाज पर दिशा रवि की गिरफ्तारी ने असर डाला है. बता दें कि स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत के 3 कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 'टूलकिट' ट्वीट किया था. इस पर दिल्ली पुलिस ने 'टूलकिट' बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को आईपीसी की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने दिशा रवि को यह दस्तावेज एडिट और उसका प्रसार करने की महत्वपूर्ण साजिशकर्ता बताया
लेकिन अब भी कई क्लाइमेट एक्टिविस्ट का कहना है कि ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. दिल्ली के 20 साल के क्लाइमेट एक्टिविस्ट कहते हैं- 'हम अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं, और हम ये करते रहेंगे चाहे कुछ भी हो जाए'
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