Exclusive | बीजेपी की ‘चुनाव जिताऊ मशीन’ ध्वस्त : सचिन पायलट
राजस्थान की 2 लोकसभा और 1 विधानसभा सीट के उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी की बंपर जीत के बाद सचिन पायलट चर्चा में हैं
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(फोटो : अभय शर्मा, द क्विंट)
राजस्थान उपचुनावों में जीत के बाद कांग्रेस का कार्यकर्ता जोश में है: सचिन पायलट
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राजस्थान की दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी की बंपर जीत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट चर्चा में हैं. क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में सचिन ने दावा किया कि राजस्थान में बीजेपी की गाड़ी पटरी से उतर चुकी है और इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों में लोग वसुंधरा सरकार को उखाड़ फेंकेंगे.
‘पकौड़ा’ नहीं है एंटी-इनकंबेंसी
मुख्यमंत्री वसुंधरा से नाराजगी को मोदी-फेक्टर बैलेंस तो नहीं कर देगा- इस सवाल पर सचिन ने चुटकी लेते हुए कहा कि एंटी-इनकंबेंसी ‘पकौड़ा’ नहीं है, जो किसी को दिया या लिया जा सके.
उपचुनावों के नतीजों का विश्लेषण कीजिए. 17 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए और हर जगह बीजेपी की हार हुई. ये बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र के वोटरों ने बीजेपी को नकार दिया है. ये बहुत बड़ा आशीर्वाद कांग्रेस को मिला है. लोगों का सेंटिमेंट कांग्रेस के पक्ष में है.
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
पायलट के मुताबिक, तमाम चुनावी राज्यों में मुख्यमंत्री घोषित करने वाली बीजेपी राजस्थान में वसुंधरा राजे के नाम की घोषणा नहीं कर पा रही, क्योंकि लोगों में उन्हें लेकर जबरदस्त गुस्सा है.
राजस्थान में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं, निवेश हो नहीं रहा है, आदिवासियों पर होने वाले हमलों में राजस्थान नंबर एक पर है, दलितों पर होने वाले हमलों में नंबर दो पर है, बलात्कार के मामलों में तीसरे नंबर पर है. तो गवर्नेंस कहां है? लॉ एंड ऑर्डर कहां है? गुड गवर्नेंस की सिर्फ बात हो रही है. अगर ऐसा होता, तो जनता इतनी बुरी तरह से नहीं हराती.
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
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‘नहीं चलेगा बीजेपी का बूथ मैनेजमेंट’
बीजेपी की जबूत इलेक्शन मशीनरी पर सवाल के जवाब में सचिन ने कहा कि सिर्फ प्रोपेगेंडा से बड़े पैमाने पर चुना नहीं जीते जा सकते. सचिन के मुताबिक, गुजरात में 150 सीट का दावा करने वाली बीजेपी 99 पर अटक गई और उसके बाद राजस्थान की हार बहुत कुछ कहती है.
पब्लिक किसी के काबू में नहीं है. बड़े नेताओं को ये धारणा छोड़नी पड़ेगी कि हमारी पार्टी का मैनेजमेंट, सोशल मीडिया, बूथ मैनेजमेंट इतना शानदार है कि हम काम करे या न करें, जनता वोट देगी. मूंग की दाल डेढ़ सौ रुपये किलो बिक रही है. महंगाई आसमान छू रही है. करप्शन के चार्ज लग रहे हैं. उसमें बूथ मैनेजमेंट क्या करेगा?
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
‘करणी सेना के सामने झुकी सरकार’
‘पद्मावत’ विवाद और करणी सेना के मुद्दे पर भी सचिन ने बेबाक राय रखी. हालांकि वो करणी सेना पर तो किसी तल्ख टिप्पणी से बचे, लेकिन बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बीजेपी ने राजधर्म छोड़कर राजनीति की.
विरोध का प्रावधान संविधान में है, लेकिन कानून की लक्ष्मण रेखा को नहीं तोड़ा जाना चाहिए. सरकार को राजधर्म का पालन करना चाहिए, लेकिन हम लगातार देख रहे हैं कि सरकार राजनीति कर रही है. मुझे लगता है कि वसुंधरा जी अगर सच में क्षत्रिय समाज की हितैषी होतीं, तो फिल्म बनते वक्त बीच का रास्ता निकालतीं, निर्माता और संगठन के लोगों से बातचीत कर बीच का रास्ता मिल जाता और इतना बवाल नहीं मचता.
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
‘सॉफ्ट हिंदुत्व का आरोप गलत’
कांग्रेस के तथाकथित सॉफ्ट हिंदुत्व के सवाल पर सचिन ने कहा कि धर्म और राजनीति अलग-अलग होने चाहिए, लेकिन बीजेपी नेताओं के बयानों में उन्हें खतरनाक तरीके से मिला दिया जाता है. सचिन ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी के मंदिर जाने से बीजेपी को क्यों तकलीफ होती है.
अगर राहुल गांधी किसी मंदिर या गुरुद्वारे में जाते हैं, तो बीजेपी को तकलीफ क्यों होती है. कांग्रेस धर्म के नाम पर किसी को लुभाना नहीं चाहती. कांग्रेस पर सॉफ्ट हिंदुत्व का बीजेपी का आरोप पूरी तरह गलत है. बीजेपी के पास आखिर में यही रह जाता है कि ताजमहल का नाम बदल दो, गोरक्षा के नाम पर हिंसा कर लो, गणेश जी को दूध पिला दो, राम मंदिर और अयोध्या की बात कर लो. लेकिन वो खाद, बिजली, पानी, रोजगार, निवेश, आवास की बात सिर्फ ऊपर-ऊपर से करते हैं.
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
‘अकेली पड़ रही है बीजेपी’
बीजेपी के छिटकते सहयोगियों के हर कदम पर कांग्रेस की पैनी नजर है. सचिन ने इसका इशारा दिया.
शिवसेना ने पल्ला झाड़ लिया है. टीडीपी रोज धमकी दे रही है. एनडीए बिखरने की कगार पर है. वो अपने सहयोगी दलों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं, तो विपक्ष और जनता को संतुष्ट कैसे कर पाएंगे.
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
2019 के आम चुनावों के समय से पहले होने की चर्चा पर सचिन ने स्पष्ट राय रखी.
मुझे लगता है कि ये चर्चा लोगों का ध्यान हटाने के लिए छेड़ी गई है. बीजेपी को जहां तक मैं जानता हूं, वो 6 महीने पहले सत्ता छोड़ने वाले नहीं हैं. वो आखिरी दिन तक अपनी सरकार चलाएंगे. लेकिन अगर चुनाव पहले हो भी जाएं, तो गांव, पंचायत, ब्लॉक से लेकर जिला-प्रदेश के स्तर तक कांग्रेस पार्टी पूरी तरह तैयार है.
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
‘विपक्ष का गठबंधन जरूर बनेगा’
बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के महागठबंधन की खिचड़ी पक रही है. सचिन का इसका साफ इशारा दिया.
आज भी मैं मानता हूं कि बीजेपी शासित राज्यों में बीजेपी विरोधी दलों को एक साथ लाकर एक ऐसा गठबंधन बन जाएगा, जो बीजेपी को सत्ता में आने से बाहर रखेगा. कब होगा, कहां और कैसे होगा इसके लिए आपको इंतजार करना होगा. लेकिन मेरा मानना है कि बीजेपी को सत्ता सेबाहर रखने के लिए विपक्ष का इंद्रधनुषी गठबंधन बनेगा.
सचिन पायलट, अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस
‘सीएम बनने की नहीं, कांग्रेस को जिताने की तमन्ना’
चार साल से प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर राजस्थान में काम कर रहे सचिन पायलट की तमन्ना मुख्यमंत्री बनने की तो होगी ही- इस सवाल पर सचिन ने कहा:
किसी की क्या तमन्ना है, हमें नहीं मालूम, लेकिन मेरी सबसे बड़ी तमन्ना ये है कि बीजेपी को यहां से आउट करें और कांग्रेस की सरकार बने. हम तो राहुल जी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं. पद की लालसा कांग्रेस नेताओं को नहीं है. पद के पीछे भागने की ओछी मानसिकता नहीं है हमारी. हां, सबकी महत्वाकांक्षा हो सकती है, लेकिन प्राथमिकता ये है कि हम राजस्थान में सरकार बनाएं.