हेल्थ इंश्योरेंस का ऐलान हो गया पर रकम का पता नहीं. इस सरकार में लेफ्ट हैंड को पता नहीं चलता कि राइट हैंड क्या कर रहा है. ये पहले बोल देते हैं फिर सोचते हैं. पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट का कुछ इस तरह पोस्टमॉर्टम किया.
क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलियाके साथ बातचीत में चिदंबरम ने कहा हेल्थ इंश्योरेंस दुनिया का सबसे बड़ा बिना फंड वाला जुमला है. यूपीए सरकार में वित्तमंत्री और गृह मंत्री रह चुके चिदंबरम एक बार खुले तो उन्होंने सरकार के एक एक दावे हवा हवाई और शिगूफा करार दे दिया. संजय पुगलिया के साथ इस बातचीत में बजट और इकनॉमी के अलावा राजस्थान उपचुनाव और 2019 के चुनाव पर कांग्रेस और विपक्ष की तैयारियों के बारे में की बेहद अहम बातें बताईं.
सरकार बताए पैसा कहां है
चिदंबरम के मुताबिक 50 करोड़ लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस का सरकार का दावा रकम का आवंटन और इसके लिए रिसर्च दोनों लिहाज से खोखला है. उनका कहना है कि इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी.
पूर्व वित्तमंत्री ने कटाक्ष किया इन्हीं बातों की वजह से वो कह रहे हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम बिना तैयारी के लाई गई है और इसे लागू करने के लिए सरकार गंभीर नहीं है.
एक अफसर कहता है, इसमें 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. दूसरा अफसर कहता है, 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. एक और अफसर कहता है, इसमें 20,000 करोड़ का खर्च आएगा. सरकार का कोई सेक्रेटरी इसका नंबर बोलने को तैयार नहीं है, मंत्री जी भी खर्च का आंकड़ा बोलने को तैयार नहीं हैं.पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री
पकौड़ा बेचना स्व-रोजगार, लेकिन नौकरी नहीं: चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने अपने पकौड़ा वाले बयान पर कहा कि पकौड़ा बेचना एक सम्मानित रोजगार हो सकता है लेकिन ये जॉब नहीं है. कोई भी ग्रेजुएट अपनी इच्छा से ये काम नहीं करना चाहता है.
मैंने पकौड़ा बेचने वालों का मजाक नहीं उड़ाया, जो युवा पकौड़ा बेच रहे हैं, वो क्या कहते हैं? क्या वो ये काम करना चाहते हैं?पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री
बीजेपी से लोगों का मोहभंग हुआ
चिदंबरम ने क्विंट से खास बातचीत में कहा कि गुजरात में विधानसभा चुनाव और राजस्थान में हुए उपचुनाव के बाद साफ है कि बीजेपी से लोगों का मोहभंग होता जा रहा है. कांग्रेस को राजस्थान उपचुनाव से भारी जीत मिली है. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि बीजेपी की 'कहानी' को खरीदने वाला अब कोई नहीं है.
राजस्थान के उपचुनाव दिखाते हैं आपकी (बीजेपी) की कहानी सुनने को कोई तैयार नहीं है. शहरी और ग्रामीण इलाके दोनों जगह लोग अब समझ गए हैंपी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री
'बीजेपी का किसानों के लिए फॉर्मूला समझ के बाहर'
बजट में किसानों के लिए फसल की लागत का 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने के ऐलान पर चिदंबरम सवाल उठाते दिखे. उन्होंने कहा, 4 साल तक सरकार कुंभकरण की तरह सोती रही. 5वें साल में बोल रही है किसानों को 1.5 गुना दाम देंगे. किस लागत पर MSP देने की बात कही जा रही है? किस लागत को ध्यान में रखकर ये काम होगा? किस फसल के बारे में ये लोग बात कर रहे हैं? सरकार को सही तरह से पेपरवर्क करके आना चाहिए था.
विपक्ष का एकता के लिए कांग्रेस की जिम्मेदारी
2019 के लोकसभा चुनाव के लिए चिदंबरम ने कहा कि तमिलनाडु में डीएमके के साथ कांग्रेस गठबंधन में जा सकती है. वहीं महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ कांग्रेस की बातचीत जारी है. चिदंबरम ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सभी पार्टियों को एकजुट करने की जिम्मेदारी कांग्रेस पर है.
वहीं यूपी में बीएसपी-एसपी-कांग्रेस के गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार की तर्ज पर अगर यूपी में गठबंधन होता है तो ये निश्चित तौर पर विपक्ष के लिए फायदेमंद होगा.
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