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देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में कूड़े के 3 बड़े खत्तों में से एक भलस्वा (Bhalswa Landfill Fire) में 26 अप्रैल को भीषण आग लगी. 3 दिन तक जलने के बाद भी इस पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है. भलस्वा लैंडफिल साइट से धुआं उठना जारी है. इससे आसपास के इलाके में लोगों का जीना दुश्वार हो गया है.
ओखला और गाजीपुर के अलावा भलस्वा दिल्ली में मौजूद 3 डंप यार्ड में से एक है. इन लैंडफिल में मौजूद ऑर्गेनिक कचरे से मीथेन गैस का रिसाव इन्हें बहुत ज्वलनशील बना देता है. कूड़े का एक जगह होना इस आग का कारण बनता है, आग लगने पर यहां तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है जिससे इसे बुझाना कठिन होता है. भलस्वा के समीप स्वामी श्रद्धानंद कॉलोनी के निवासी इस खत्ते के कारण कई समस्याएं झेल रहे हैं. हर कभी लगने वाली आग ने कई लोगों के कारोबार खत्म कर दिए हैं. क्विंट ने यहां के निवासियों से बात की.
नीलू देवी पिछले 25 सालों से श्रद्धानंद कॉलोनी में रहती है वो कहती है “पिछले साल भी इसी समय के आसपास लैंडफिल में भीषण आग लगी थी. पिछले कुछ वर्षों से गर्मी के दिनों में लैंडफिल में आग लग जाती है जो कई दिनों तक चलती है”
दिल्ली फायर चीफ अतुल गर्ग ने कहा, "कई दिन हो गए हैं और भलस्वा लैंडफिल में अभी भी छह दमकल गाड़ियां और 20 दमकलकर्मी मौजूद हैं. लैंडफिल पर अग्निशमन के उपाय जोखिम भरे हैं और आग बुझाने में कई दिन लग सकते हैं." उन्होंने इसके पीछे दो मुख्य कारणों की ओर इशारा किया- कचरे के पृथक्करण की कमी और मुश्किल पहुंच.
दिल्ली के खराब प्रदूषण स्तरों के साथ इन लैंडफिल से बार-बार आग और जहरीले धुएं का उत्सर्जन पूरे शहर के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा करता है, खासकर उन लोगों के लिए जो आस-पास के क्षेत्रों में रहते हैं.
स्थानीय लोगों को सांस लेने में तकलीफ के अलावा विभिन्न प्रकार की छोटी-छोटी बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है.
भलस्वा लैंडफिल में लगी आग से सिर्फ आसपास की कॉलोनियां ही नही प्रभावित हुई बल्कि कुछ लोगों के आर्थिक हालात भी बुरी तरह बिगड़ गए. कूड़ा बीनने वाले के लिए यह क्षेत्र आजीविका का एक मात्र स्रोत है. लैंडफिल से कचरा इकट्ठा करने वाले 19 साल के एसके सिराज ने आग की ओर इशारा किया और क्विंट को बताया, "हम वहां से जीन के लिए जो भी इकट्ठा करते हैं वह कबाड़ा जल रहा है. यह हमारी रोजी-रोटी है” सिराज दो दिनों से सोया नहीं है 2 लाख रुपये के कर्ज की चिंता उसे जगाए रखती है.
दिल्ली सरकार ने DPCC से उतरी दिल्ली नगर निगम पर 50 लाख फाइन लगाने को कहा है. वहीं भलस्वा लैंडफिल के पास रह रहे निवासियों ने पुलिस से MCD के खिलाफ FIR की मांग की है.
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