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बजट 2018 में केंद्र सरकार की ओर से टैक्स में छूट मिलेगी या आम जनता पर और बोझ बढ़ेगा? क्या महंगा होगा और क्या सस्ता?
इन सभी सवालों के जवाब गुरुवार को मिल ही जाएंगे. लेकिन ऐसा क्या कर सकते हैं वित्तमंत्री अरुण जेटली, जिससे लोगों पर भार भी न बढ़े और सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ जाए. कोटक एसेट मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिससे सरकार की आमदनी बढ़ जाएगी और टैक्स भी नहीं बढ़ाना पड़ेगा.
नीलेश शाह के मुताबिक, देश में ज्यादातर लोग कैपिटल गेंस टैक्स देने से बचना चाहते हैं. बहुत सारे देशों में बोनस शेयर की वैल्यू जीरो है. इसी तरह अगर भारत में भी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिसाब से बोनस शेयर की वैल्यू जीरो कर दें, तो सरकार को सालाना 15,000-25,000 करोड़ इनकम होगी.
सरकार के पास VSNL के नाम पर 700 एकड़ से ज्यादा की जमीन है. इस जमीन की मार्केट वैल्यू 10-15 हजार करोड़ रुपये है. सरकार इस जमीन को बेचकर इनकम कर सकती है.
पिछले कुछ सालों में सिगरेट पर टैक्स रेट बढ़ा है. आज इस पर टैक्स बढ़ कर 55-60 गुना ज्यादा हो गया है. गैर-सिगरेट वाले तम्बाकू उत्पाद पर टैक्स काफी कम है, जबकि सिगरेट पर बहुत ज्यादा है. ज्यादा टैक्स की वजह से मार्केट में अवैध सिगरेट आ गई है. इस अवैध सिगरेट से सरकार को कोई आमदनी नहीं होती है.
अगर सिगरेट और गैर-सिगरेट उत्पादों पर टैक्स एक जैसा कर दिया जाए, तो मार्केट में अवैध सिगरेट आना कम हो जाएगी. इस तरह सरकार को 9000-10000 करोड़ रुपये की अधिक इनकम होगी.
भारत में कृषि आय पर टैक्स नहीं लगता है. ऐसे में कई लोग कृषि आय दिखाकर टैक्स पर छूट का फायदा उठा लेते हैं. गरीब किसान को टैक्स में छूट मिलना गलत नहीं. लेकिन अमीर किसान को टैक्स में रियायत मिलना शायद गलत है. आज तक किसी भी सरकार ने खेती पर टैक्स नहीं लगाया है.
नीलेश शाह का कहना है कि अमीर इंसान चाहे खेती करके पैसा कमाए या बिना खेती के कमाए, उसे टैक्स देना चाहिए. अगर सरकार अमीर किसानों पर टैक्स सिस्टम लागू कर देती है, तो इससे सरकार का खजाना भर सकता है.
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