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कैमरा- शिव कुमार मौर्या
नागरिकता कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कई जिलों विरोध प्रदर्शन हुए थे. कई जगहों पर प्रदर्शनों के हिंसक होने की भी खबरें आईं थीं. मुजफ्फरनगर में 20 दिसंबर को हुए ऐसे ही प्रदर्शन में एक शख्स की मौत हो गई. द क्विंट को मिली जानकारी के मुताबिक, 26 साल के शख्स की मौत गोली लगने से हुई है. लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गोली पुलिस ने ही चलाई है या नहीं.
मृतक के परिवारवालों का कहना है कि उन्हें अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है. बता दें कि CAA के खिलाफ मुजफ्फरनगर के मीनाक्षी चौक पर 20 दिसंबर को प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने इस घटना के बाद करीब 50 स्थानीय दुकानों को सील कर दिया.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, शहर में कई जगहों पर रात में गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ और आगजनी हुई है. पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता सैद उज जमां की गाड़ियों के साथ भी कथित तौर पर तोड़फोड़ हुई है. इसी दिन रात में करीब एक बजे मुजफ्फरनगर के खाना इलाके में पुलिस सीटीवी कैमरा तोड़ती दिखी. क्विंट को इस पूरे वाकये का सीसीटीवी फुटेज हासिल हुआ है. इस सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर पुलिसवालों को तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है.
मुजफ्फरनगर के एएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि पुलिस की फायरिंग में किसी की मौत नहीं हुई है. ये अफवाह फैलाई जारी है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया था. दो लोगों के गंभीर रूप से घायल होने के सवाल पर एसएसपी ने कहा-
एसएसपी ने बताया कि, हिंसा के दौरान 8 मोटर साइकिल और 4-5 गाड़ियां जलाई गई हैं. यहां एक लाख से अधिक लोग प्रदर्शन कर रहे थे और यहां 300 से भी कम पुलिसकर्मी थे.
बता दें कि पूरे प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 164 केस दर्ज किए गए, 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 5,312 लोगों को हिरासत में लिया गया. 288 पुलिस कर्मियों को चोटें आईं, जिनमें 61 फायरिंग में घायल हुए.
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