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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: संख्या बल कम फिर भी कैसे जीती BJP? AAP का आरोप- 'धोखाधड़ी-धांधली हुई'

Chandigarh Mayor Poll Result: BJP के मनोज सोनकर ने मेयर पद पर जीत हासिल करते हुए AAP के कुलदीप कुमार को चार वोटों से मात दी है.

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<div class="paragraphs"><p>चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP की जीत, AAP के कुलदीप नायर हारे</p></div>
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP की जीत, AAP के कुलदीप नायर हारे

फोटो- क्विंट हिंदी

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीते के बाद विपक्षी इंडिया ब्लॉक (INDIA Bloc) चुनाव में धांधली का आरोप लगा रही है. मंगलवार (30 जनवरी) को हुए स्थानीय निकाय के शीर्ष पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी नेता मनोज सोनकर ने 'इंडिया' गठबंधन के उम्मीदवार और AAP नेता कुलदीप टीटा को हरा दिया है. लेकिन अब इस चुनाव पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

बीजेपी की जीत पर AAP-कांग्रेस उठा रही सवाल

चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव में कुल 36 वोट दिए जाते हैं, इसमें 35 नगर निगम के पार्षदों का वोट होता है जबकि एक वोट सासंद का होता है.

मेयर चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को कुल 16 वोट मिले हैं, जिसमें 15 वोट बीजेपी पार्षदों का है और एक वोट सांसद किरण खेर ने बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर के पक्ष में दिया है. वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 20 वोट मिले लेकिन पीठासीन अधिकारी ने टीटा के पक्ष में मिले 20 वोटों में से 8 वोटों को अमान्य करार कर दिया है. यानी बीजेपी के उम्मीदवार से ज्यादा वोट मिलने के बावजूद AAP के कुलदीप टीटा चुनाव हार गए.

AAP बोली 'धोखाधड़ी' हुआ

आम आदमी पार्टी ने 8 वोट अमान्य करार दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं. आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आज ही के दिन गांधीजी की हत्या हुई थी और 76 साल बाद उन्होंने (BJP) लोकतंत्र की हत्या की है. यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है. उन्होंने खुलेआम गुंडागर्दी की और यह कैमरे में कैद हो गई. पूरा देश देख रहा है कि उन्होंने कैसे वोट चुराए. कोई भी चुनाव जीत या हार सकता है, देश को हारना नहीं चाहिए. मुद्दा यह है कि उन्होंने चंडीगढ़ मेयर का चुनाव खुले धोखे से जीता है."

दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्डा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर बीजेपी पर धोखाधड़ी करने और उचित चुनावी प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा,

"आज जो हमने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान देखा वह असंवैधानिक और गैरकानूनी चीज ही नहीं थी बल्कि देशद्रोह है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आज जो हमने अवैधता देखी उसे सिर्फ और सिर्फ देशद्रोह ही कहा जा सकता है."

राघव चड्ढा बोले, "ये दिखाता है कि बीजेपी इतने छोटे से मेयर चुनाव में अगर इस तरह की गैरकानूनी और अंसवैधानिक घटना को अंजाम दे सकती है तो आप कि लोकसभा चुनाव की हार देखते हुए ये लोग क्या करेंगे? क्या बीजेपी इस देश को नॉर्थ कोरिया बनाना चाहती है जहां चुनाव ही ना हो?."

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हंगामा क्यों है बरपा?

चंडीगढ़ में नगर निगम उपायुक्त विनय प्रताप सिंह की मौजूदगी में सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ. सदन की पदेन सदस्य और बीजेपी सांसद किरण खेर ने सबसे पहले अपना वोट डाला. आरोप के तौर पर एक वीडियो सामने आया है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि पीठासीन अधिकारी अनील मसीह आमान्य वोटों को पोलिंग एजेंट को दिखाए बिना सदन से बाहर चले जाते हैं, इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाकर हंगामा किया.

मेयर चुनाव के लिए आप-कांग्रेस ने किया था गठबंधन

बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए INDIA ब्लॉक के तहत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया था. AAP ने मेयर पद और कांग्रेस ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए आपस में सहमति बनाई थी.

मेयर चुनाव के लिए वोटिंग पहले 18 जनवरी को होनी थी, लेकिन चुनाव अधिकारी के बीमारी के कारण बाद में तारीख को बढ़ाकर 30 जनवरी कर दिया गया था.

चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव के क्या है मायने?

चंडीगढ़ मेयर चुनावों को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी और विपक्ष के 'इंडिया' गुट के बीच पहली महत्वपूर्ण चुनावी लड़ाई माना जा रही है. अब से पहले चंडीगढ़ मेयर की सीट पर बीजेपी काबिज रही है, अगर कुलदीप टीटा के पक्ष में पड़े आठ वोट अमान्य नहीं होते तो यह आप-कांग्रेस के लिए बड़ी जीत होती.

AAP-कांग्रेस को इस जीत से क्या फायदा होता है इसपर द क्विंट के पॉलिटिकल एडिटर आदित्य मेनन का कहना है कि अगर कांग्रेस-AAP के उम्मीदवार कुलदीप टीटा मेयर का चुनाव जीतते तो इसका फायदा उन्हें लोकसभा चुनाव में मिलता है.

वह कहते हैं, मेयर चुनाव जीतने के बाद पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान वोट लाने में सहूलियत मिलती है, क्योंकि चंडीगढ़ केंद्र शासित राज्य है तो एक हद तक केंद्र का दबदबा रहता है इसलिए यह चुनाव AAP-कांग्रेस गठबंधन के लिए जरूरी था.

मेयर चुनाव हारने के बाद AAP-कांग्रेस गठबंधन को नुकसान है?

बिहार में नीतीश कुमार के 'इंडिया' गठबंधन छोड़ने के बाद से माना जा रहा है कि 'इंडिया' गुट कमजोर हुई है, ऐसे में AAP-कांग्रेस को आगामी लोकसभा में क्या नुकसान हो सकता है?

आदित्य मेनन कहते हैं कि मेयर चुनाव हारने के बाद भी लोकसभा चुनाव में AAP-कांग्रेस गठबंधन को कोई खास नुकसान नहीं होगा. दोनों पार्टी के लिए अब ये और जरूरी हो जाएगा कि वह चंड़ीगढ़ में लोकसभा चुनाव एक साथ लड़े. दूसरी बात ये भी है कि AAP-कांग्रेस इस बात को भुनाने के कोशिश करेगी कि ज्यादा वोट मिलने के बावजूद उन्हें मेयर चुनाव जीतने नहीं दिया गया.

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