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Chhath Puja: वॉशरूम के पास तो कोई खिड़की से सीट तक पहुंचा, छठ पर घर जाने की 'जंग'

Chhath Puja 2023: बिहार-यूपी में छठ पूजा को सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है.

शादाब मोइज़ी & ऋभु चटर्जी
न्यूज वीडियो
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<div class="paragraphs"><p>Chhath Puja: वॉशरूम के पास तो कोई खिड़की से सीट तक पहुंचा, छठ पर घर जाने की 'जंग'</p></div>
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Chhath Puja: वॉशरूम के पास तो कोई खिड़की से सीट तक पहुंचा, छठ पर घर जाने की 'जंग'

Quint Hindi

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बिहार-यूपी का महापर्व छठ पूजा ( Chhath Puja 2023) 17 नवंबर से शुरू है. इसे दोनों राज्यों में बड़ा पर्व माना जाता है. इस मौके पर दूसरे प्रदेशों में रह रहे तमाम प्रवासी लोग अपने घर लौटते हैं. इस वजह से देश के सभी बड़े शहरों में यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेन में भारी भीड़ उमड़ रही है. हालात ऐसे हैं कि ट्रेनों में लोगों को जगह नहीं मिल रही है. ट्रेनों में जनरल, स्लीपर और AC कोच का एक जैसा हाल हो गया है. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. भूख-प्यास और भीड़ के बीच बच्चे रो-बिलख रहे. इस स्थिति को जानने के लिए क्विंट हिंदी ग्राउंड पर पहुंचा, देखिए तस्वीरें..

रेलवे  ने स्टेशनों पर बिहार-यूपी छठ मनाने जा रहे लोगों के लिए बैठने और सोने का इंतजाम किया है, जहां पर टीवी स्क्रीन  भी लगाएं गए हैं, जिनमें छठ से जुड़े गाने चलाए जा रहे हैं.

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

छठ पर्व मनाने के लिए अपने प्रदेश जाता एक यात्री, जब कैमरे की नजर पड़ी तो खिड़की से तांकते हुए दिखा

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

फोटो में दिख रही बच्ची की मां एक प्लास्टिक के टब बनाने वाली फैक्ट्री में काम करती है. बच्ची की मां छठ पर्व मनाने अपने प्रदेश जा रही है, तो फैक्ट्री से मिले टब के रूप में उपहार को ही अपने बच्ची के बैठने का साधन बना दिया. इससे पता चलता है कि स्टेशनों पर भीड़ के लिए खड़े होने के लिए जगह नहीं है.

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

छठ पर्व मनाने के लिए ट्रेन के इंतजार में सोती हुई महिला..सामान को तकिया बना अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही है. 

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

ट्रेन में जगह मिलने के बाद खिड़की से झांकता यात्री..तस्वीर में देख सकते हैं कि यात्रियों को ट्रेन में जहां जगह मिल रही है, वहीं बैठकर यात्रा कर रहे हैं. 

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

इस तस्वीर में देख सकते हैं कैसे ट्रेन का डिब्बा खचाखच भरा हुआ है.

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

भीड़ के धक्के खाने के बाद जब सीट मिली, अब केवल मंजिल तक पहुंचने की आशा

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

स्टेशनों पर यात्री केवल एक बैग के साथ नहीं बल्कि गैस, चूल्हा इत्यादि लेकर यात्रा कर रहे हैं.

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

यात्रियों के लिए स्टेशन पर मोबाइल चार्जिंग के लिए भी खास बिजली के सॉकेट का इंतजाम किया गया है.

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

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अपनी ट्रेन के इंतजार में बैठा लड़का..मोबाइल पर समय बिताता हुआ.

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

अपने बच्चों और सामान के साथ ट्रेन का इंतजार करते यात्री..

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

बच्चों और अपने सामान के साथ एक महिला..और भीड़ का मंजर..छठ पर अपने प्रदेश पहुंचने की बैचनी

(फोटो: ऋभु चटर्जी)

ट्रेन में जगह मिलने के बाद गेट की खिड़की से निहारते युवक

फोटो- शादाब मोइज़ी

फोटो- शादाब मोइज़ी

बिहार जाने वाली सभी ट्रेनों का यही हाल है. 

फोटो- शादाब मोइज़ी

ट्रेन आने के बाद जल्दी-जल्दी पहुंच कर सीट ढूंढने की तलाश करते यात्री

फोटो- शादाब मोइज़ी

सामान लादकर घर जाने के लिए निकला प्रवासी

फोटो- शादाब मोइज़ी

टिकट की लंबी लाइन में खड़े यात्री..

फोटो- शादाब मोइज़ी

नई दिल्ली स्टेशन पर उमड़ी भीड़

फोटो- शादाब मोइज़ी

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