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छत्तीसगढ़ उन राज्यों में से एक है, जहां कोरोनावायरस के कुछ ही मामले सामने आए है. कई लोग इस बीमारी से ठीक भी हो गए हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात कर हमने ये जानने की कोशिश की कि छत्तीसगढ़ में कोरोना मामलों को कैसे कंट्रोल किया? हेल्थ सेंटर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? और अगर कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो छत्तीसगढ़ उनसे कैसे निपटेगा?
छत्तीसगढ़ में कोरोना अभी नियंत्रण में है. यहां ज्यादा हालात केस सामने नहीं आए हैं. इसका आप क्या कारण मानते हैं?
इसका कारण सामाजिक चेतना है. सही समय पर लोगों से आह्वान किया और लोगों ने इसका कड़ाई से पालन किया. फरवरी से ही लोगों से सावधानी बरतने की अपील करना शुरू कर दिया था. हमने लोगों से कहा था कि होली न मनाए. स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी, सिनेमा हॉल और मॉल बंद करने का निर्देश दे दिया था. कोरोना का संदिग्ध केस 15 मार्च को आया था. 18 मार्च को टेस्ट पॉजिटिव आया. इसके बाद तुरंत पूरे प्रदेश में धारा-144 लागू कर दी गई. 21 मार्च से ही प्रदेश लॉकडाउन कर दिया. गांव-गांव में इसका सख्ती से पालन हुआ. हालात पर लगातार मीटिंग कर रहे और फैसले लेते रहे.
एक बात ये भी है कि देश में टेस्टिंग की संख्या बहुत कम है. छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही है, तो इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
हमारे पास टेस्टिंग किट बहुत कम है. AIIMS के डॉक्टर्स का कहना है कि जिनमें कोरोना के पूरे लक्षण दिखे, उसी की ही टेस्टिंग कीजिए. अगर हम सभी के टेस्ट करना शुरू कर दे, तो जिसमें लक्षण हैं उनका टेस्ट नहीं हो पाता. कुछ केस ऐसे भी आए, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है फिर भी उनकी रिपॉर्ट पॉजिटिव आई.
छत्तीसगढ़ में भारी भरकम रूरल पॉपुलेशन है, ऐसी स्थिति में क्या छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए तैयार है?
हम 56 लाख गरीब मजदूरों के परिवारों को सीधे दो महीने का राशन फ्री दे रहे हैं. राशन में नमक और चीनी भी है. कुछ इलाकों में चना भी दे रहे हैं. जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उनको भी सस्ते में चावल दे रहे हैं. इसके अलावा शहरी इलाके में भी लोगों की मदद की जा रहा है. हेल्पलाइन के जरिए लोग हमसे संपर्क करते हैं, फिर पका हुआ खाना उनके घर भेजा जाता है. ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है.
छत्तीसगढ़ में हेल्थ सेंटर का क्या हाल है, स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्या सुविधाएं दी जा रही हैं?
सरकार के पास जितने N95 मास्क थे, उसके अलावा भी हम अलग से मास्क बनावा रहे हैं. सैनिटाइजर भी बनवा रहे हैं. 11-12 हजार सैनिटाइजर बन चुका है. इन सब चीजों का वितरण भी किया जा रहा है. न सिर्फ स्वास्थ्य कर्मी, बल्कि आम लोगों तक भी ये चीजें पहुंचाई जा रही हैं.
सीएम बघेल ने बातचीत में बताया कि अगर लॉकडाउन से पहले अगर राज्यों से भी बात की गई होती तो इस तरह की अफरातफरी नहीं होती, जो देखने को मिल रही है.
(नोट: कोरोना के आंकड़े रिकॉर्डिंग के वक्त के हैं)
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