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महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने क्विंट के साथ इंटरव्यू में कोरोना वायरस संकट और उससे जुड़े कई अहम पहलुओं पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा, ''कोरोना वायरस का खौफ पूरी दुनिया में है. चाहे वो अमेरिका हो, चीन हो, इटली हो. समर्थ से समर्थ देश भी इस बीमारी के सामने बेबस हो चुके हैं. ऐसे हालात में इससे लड़ने के लिए हमारा प्रशासन काम पर लगा हुआ है.''
कोरोना वायरस संकट के बीच मुंबई के धारावी की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा, ''धारावी में कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. हमने पूरे इलाके की घेराबंदी की है. हेल्थ डिपार्टमेंट वहां पर काम कर रहा है. जो लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, उनके अगल-बगल वाले लोगों को हमने क्वॉरंटीन कर लिया है. हमने सैंपल भी ले लिए हैं टेस्टिंग के लिए, अगर वो पॉजिटिव भी आते हैं तो उस हालत में हमने उनके आइसोलेशन का प्रबंध भी किया हुआ है.''
कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के खत्म होने को लेकर देशमुख ने कहा, ‘’14 अप्रैल से पहले पूरी स्थिति का जायजा लिया जाएगा. फिर केंद्र सरकार निर्णय लेगी, राज्य सरकार निर्णय लेगी.’’
उन्होंने कहा,
देशमुख ने कहा कि लॉकडाउन को फेजवाइज कैसे हटाया जा सकता है, इसके लिए प्रधानमंत्री ने हर राज्य के मुख्यमंत्री से सुझाव मांगे हैं.
तब्लीगी जमात के मामले पर उन्होंने कहा, ''दिल्ली में तब्लीगी समाज का जो कार्यक्रम हुआ. उसके बाद 15 और 16 मार्च को वहां पर कार्यक्रम था. उसी दौरान महाराष्ट्र में भी वसई में उन्होंने बड़े पैमाने पर आयोजन का प्रबंध किया था. करीबन 50 हजार लोगों के आयोजन का उनका प्रबंध था. उसके लिए उन्होंने हमें जनवरी में अर्जी दी थी. हमने 5 फरवरी को उनको अनुमति दी थी, बाद में जब कोरोना का खौफ बढ़ने लग गया तो हमने उनसे कहा कि आज के हालात में हम आपको कार्यक्रम नहीं करने देंगे.''
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली में जो कार्यक्रम हुआ, उसकी वजह से सिर्फ दिल्ली को तकलीफ नहीं हुई, महाराष्ट्र सहित बाकी कई राज्यों पर भी उसका प्रभाव हुआ.
कोरोना वायरस की वजह से पड़ने वाले असर को लेकर देशमुख ने कहा, ''यह मानवजाति के लिए अभूतपूर्व परिस्थिति है. इससे पहले किसी भी देश ने ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया था. ऐसी हालत में हर राज्य के सामने वित्तीय समस्या आने वाली है. जरूरी सामानों की दुकानों को छोड़कर सब दुकानें बंद हैं. इसी तरह फैक्ट्रीज भी बंद है.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''आगे चलकर बहुत बड़ा वित्तीय संकट आने वाला है. इसके लिए भी राज्य और केंद्र की सरकारों को तैयार रहना पड़ेगा.'' हालांकि उन्होंने कहा कि फिलहाल प्राथमिकता इस बीमारी (COVID-19) पर काबू पाने की है.
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