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चुनाव के पहले दिन की सबसे बड़ी खबरों में से एक है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी मतदान. पश्चिमी यूपी बीजेपी के लिए बहुत बड़ी प्रयोगशाला रहा है. यहां शहर हो या गांव लोगों ने जम कर वोट डाले.अमूमन भारी मतदान या हाई टर्नआउट का मतलब यह निकाला जाता है कि वोटरों ने सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ वोट दिया है. हालांकि पूरे देश की अलग-अलग जगहों पर भी भारी मतदान हुआ है. लेकिन क्या इसका मतलब सत्ता के खिलाफ वोटिंग है. लेकिन ये जरूरी नहीं. कई चुनावों में हमने देखा है की सत्ता समर्थक लहर भी होती है सत्ता में बैठी पार्टी को इसका फायदा हो जाता है.
चुनाव के पहले दिन दिल छूने वाली खबर रही- जम्मू-कश्मीर में भारी वोटिंग. जम्मू और बारामूला में लोगों ने जम कर वोट डाले. अलगाववादियों के वोट बायकॉट की अपील नहीं चली और न ही जम्मू-कश्मीर में हालात बिगाड़कर फायदे उठाने वालों की भी चाल नहीं चली.
दिल्ली-एनसीआर में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता नहीं हो सका है. अब यहां दिलचस्प तिकोना मुकाबला होगा.
दूसरी खबरों में ये कि सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी दोनों ने अपना-अपना पर्चा भरा. यह तय है कि रायबरेली और अमेठी दोनों जगह कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने भागलपुर में रैली की. उन्होंने वहां राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद का मुद्दा का उठाया. ये मुद्दे उनके चुनावी अभियान के केंद्र में रहे.
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