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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
आरे कॉलोनी कार शेड को लेकर उद्धव सरकार की ही बनाई कमेटी ने कहा है कि कार शेड के लिए पुरानी जगह ही सही है. कमेटी ने कार शेड के काम पर लगी रोक को भी हटाने के लिए कहा है. लिहाजा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी ने पूछा है कि करोड़ों के नुकसान का जिम्मेदार कौन है?
दरअसल जब महाराष्ट्र में उद्धव की सरकार बनी तो उन्होंने आरे कॉलेनी में कार शेड का काम रुकवा दिया था और एक कमेटी बनाई थी. इसमें चार सदस्य थे. कमेटी को ये बताना था कि 33.5 किलो मीटर लम्बी कुलाबा-सीप्स अंडर ग्राउंड मेट्रो के कारशेड के लिए और कौन से वैकल्पिक जगहें हो सकती हैं. अब इसी कमेटी ने 50 दिन की स्टडी के बाद कहा है कि आरे कॉलोनी ही कारशेड के लिए सही जगह है. कमेटी ने ये अपनी रिपोर्ट सीएम दफ्तर को सौंप दी है.
क्विंट को सूत्रों ने बताया है कि कमेटी ने शेड के काम पर लगी रोक को हटाने की भी सिफारिश की है. कमेटी ने ये भी कहा है कि अगर कार शेड को आरे कॉलोनी से हटाया गया तो मेट्रो फेज 3 की लागत बहुत बढ़ जाएगी. और वक्त पर काम भी पूरा नहीं हो पाएगा. आपको बता दें कि फिलहाल मेट्रो फेज 3 का लगभग 70 % अंडरग्राउंड काम पूरा हो चुका है.
आरे कॉलोनी में कार शेड के लिए 2000 पेड़ काटे गए. पर्यावरणविदों ने तब इसके खिलाफ आवाज उठाई थी. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के वक्त आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई और वहां के इकोसिस्टम को नुकसान के मुद्दे ने जोर पकड़ा था. तब शिवसेना और खुद आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने कहा था कि आरे कॉलोनी में कार शेड बनने से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और वो इसे नहीं होने देंगे...अब देखना दिलचस्प होगा कि अब जब उद्धव सरकार की बनाई कमेटी ने ही आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने को अपनी हरी झंडी दे दी है तो उद्धव सरकार का रुख क्या होगा?
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