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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
महाराष्ट्र में अब तक कोविंड -19 की वजह से 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, इसमे उन फ्रंटलाइन पर काम करने वाले लोगों भी शामिल है, जिन्हें इस संकटकाल में कोरोना वॉरियर्स भी कहां गया, इसमें डॉक्टर, नर्स, पुलिस सफाई कर्मचारी महापालिका कर्मचारी शामिल है.
सरकार ने इस संकटकाल में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए जिन कोरोनावॉरियर्स की मौत होती है उनके लिए 50 लाख रुपयों मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया लेकिन शायद सरकार की ये योजना कागज पर दी खाई दे रही है.क्योंकि कई ऐसे परिवार है जिन्होंने अपनो को खो दिया महीने दो महीने होने को आए लेकिन अब तक मुआवजे के नाम पर कुछ नहींं मिला है.
मुंबई के गोरेगाव फायर ब्रिगेड में बतौर ड्राइवर काम करने वाले रफीक शेख 28 मई को COVID -19 से मौत को गई, रफीक शेख 31 मई 2020 को रिटायर होने वाले थे लेकिन उससे पहले ही अपने कर्तव्य पूरा करते करते उनकी मौत हो गई, महीने भर से ज्यादा हो चुका है लेकिन परिवार को अब तक मुआवजे का इंतजार है
यही हाल सफाई कर्मचारी आदिल अली खान के परिवार का है आदिल अली खान की COVID-19 की वजह से 6 मई 2020 को मौत हो गई.वे मुंबई के बांद्रा इलाके में गार्बेज क्लीनअप मार्शल का काम करते है.आदिल के परिवार में 5 छोटे बच्चे और उनकी पत्नी है. दो महीने से ज्यादा का वजत हो गया है मुआवजा नहीं मील सका है. वहीं विजय रनिम KEM अस्तपाल डूटी पर तैनात थे तब ही उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ और 26 मई को उनकी मौत हो गई है.उनके परिवार में एक बेटा और पत्नी है.परिवार की आर्थिक हालत खराब है.मुआवजे का इंतजार रमिन परिवार को भी है.
मुंबई में अब तक 2 हजार से ज्यादा BMC कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके है जबकि 103 कर्मचारी का अब तक कोरोना के चलते मौत हो चुकी है, उमीद है की सोशल डिस्टेसिंग के इस दौर में मुआवजे के लिए कोरोना वॉरियर्स के परिवार के लोगों को अपना हक पाने के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर न लगाने पड़े
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