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कोरोना वॉरियर: घर खाली करने का वक्त आया,मौत के बाद मुआवजा नहीं आया

फ्रंट लाइन पर कर्त्तव्य निभाते कोरोना वॉरियर ने दी जान, परिवार को अब मुआवजे का इंतजार  

रौनक कुकड़े
न्यूज वीडियो
Published:
फ्रंट लाइन पर कर्त्तव्य निभाते कोरोना वॉरियर ने दी जान, परिवार को अब मुआवजे का इंतजार  
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फ्रंट लाइन पर कर्त्तव्य निभाते कोरोना वॉरियर ने दी जान, परिवार को अब मुआवजे का इंतजार  
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

महाराष्ट्र में अब तक कोविंड -19 की वजह से 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, इसमे उन फ्रंटलाइन पर काम करने वाले लोगों भी शामिल है, जिन्हें इस संकटकाल में कोरोना वॉरियर्स भी कहां गया, इसमें डॉक्टर, नर्स, पुलिस सफाई कर्मचारी महापालिका कर्मचारी शामिल है.

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सरकार ने इस संकटकाल में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए जिन कोरोनावॉरियर्स की मौत होती है उनके लिए 50 लाख रुपयों मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया लेकिन शायद सरकार की ये योजना कागज पर दी खाई दे रही है.क्योंकि कई ऐसे परिवार है जिन्होंने अपनो को खो दिया महीने दो महीने होने को आए लेकिन अब तक मुआवजे के नाम पर कुछ नहींं मिला है.

मुंबई के गोरेगाव फायर ब्रिगेड में बतौर ड्राइवर काम करने वाले रफीक शेख 28 मई को COVID -19 से मौत को गई, रफीक शेख 31 मई 2020 को रिटायर होने वाले थे लेकिन उससे पहले ही अपने कर्तव्य पूरा करते करते उनकी मौत हो गई, महीने भर से ज्यादा हो चुका है लेकिन परिवार को अब तक मुआवजे का इंतजार है

पापा की वजह से घर चलता था, अब उनके बिना घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है, हमें पता चला था कि सरकार की तरफ से 50 लाख का मुआवजा मिलने वाला है, हमने अर्जी डाल दी, लेकिन अभी तक कुछ खबर नहीं है कोई जवाब नहीं आया है, बस इतनी गुजारिश है सरकार से कि हमने ये मुआवजा जल्द मिले
हिना रफीक शेख, रफीक शेख की बेटी

यही हाल सफाई कर्मचारी आदिल अली खान के परिवार का है आदिल अली खान की COVID-19 की वजह से 6 मई 2020 को मौत हो गई.वे मुंबई के बांद्रा इलाके में गार्बेज क्लीनअप मार्शल का काम करते है.आदिल के परिवार में 5 छोटे बच्चे और उनकी पत्नी है. दो महीने से ज्यादा का वजत हो गया है मुआवजा नहीं मील सका है. वहीं विजय रनिम KEM अस्तपाल डूटी पर तैनात थे तब ही उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ और 26 मई को उनकी मौत हो गई है.उनके परिवार में एक बेटा और पत्नी है.परिवार की आर्थिक हालत खराब है.मुआवजे का इंतजार रमिन परिवार को भी है.

मेरे पिता विजय रनिम 22 मई को KEM अस्पताल में काम करते वक्त बुखार आया था उन्हें हमने वही एड्मिट किया 23 को उनका रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई, 26 मई को दोपहर को उनकी मौत हो गई, सरकार ने बताया था कि 50 लाख का मुआवजा मिलेगा, उसके लिए हमने अप्लाई किया है ईमेल के जरिए भी सभी दस्तावेज भेजे हैं. हमें जल्द मुआवजा मिलना चाहिए.अभी हम सरकारी कॉर्टर में रह रहे हैं, लेकिन अगले महीने तक खाली करना पड़ेगा, अगर नहींं किया तो पैसे काटेंगे, हमारा मुंबई में घर भी नहींं है कहां से पैसे लायेंगे.
प्रथमेश रनिम, विजय रनिम के बेटे

मुंबई में अब तक 2 हजार से ज्यादा BMC कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके है जबकि 103 कर्मचारी का अब तक कोरोना के चलते मौत हो चुकी है, उमीद है की सोशल डिस्टेसिंग के इस दौर में मुआवजे के लिए कोरोना वॉरियर्स के परिवार के लोगों को अपना हक पाने के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर न लगाने पड़े

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