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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में भड़की हिंसा के पीड़ितों में 37 साल के मोहम्मद जुबैर भी हैं. जुबैर जब ईदगाह से लौट रहे थे, तब भीड़ ने उन पर हमला किया था. जुबैर की एक फोटो भी वायरल हुई थी, जिसमें कई लोग डंडों से उन्हें बेरहमी से मारते दिख रहे थे.
मोहम्मद जुबैर ने क्विंट हिंदी को बताया कि वो ईदगाह की दुआ से बच्चों के लिए खाने-पीने का सामान लेकर लौट रहे थे. उन्हें पता चला कि रास्ते में लड़ाई हो रही है, इसलिए उन्होंने दूसरी तरफ से घर जाने का तय किया, लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये फैसला ऐसे गलत साबित होगा.
जुबैर ने बताया कि उन्हें मारने वाले लोग ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे. उन्होंने कहा कि हजारों की भीड़ में भी किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की और न ही किसी ने भीड़ को रोकना चाहा.
जुबैर ने बताया कि उन्हें देखते ही भीड़ उनपर टूट पड़ी.
जुबैर ने कहा कि उनके अंदर फोटो देखने की हिम्मत नहीं है. उन्होंने क्विंट को बताया कि सभी घरवालों और रिश्तेदारों को फोटो देखने के बाद लगा कि वो जिंदा नहीं बचे हैं.
जुबैर ने कहा कि उन्हें मारने वाले हिंदू नहीं, बल्कि दरिंदे थे. उन्होंने कहा, ‘कोई इंसान लड़ना नहीं चाहता. हर कोई अपने बच्चों के साथ हंसी-खुशी रहना चाहता है. लोग कहते हैं कि उसने मार दिया, हिंदुओं ने मार दिया. ऐसे लोगों को मैं हिंदू भी नहीं कहना चाहता. ऐसे लोग हिंदू कहलाने के भी लायक नहीं. मेरे हिंदू जानकार बहुत अच्छे हैं. वो लोग दरिंदे थे. उनका कोई मजहब नहीं है. मैं ये नहीं कहता कि मुझे हिंदुओं ने मारा, मैं कहता हूं कि मुझे दरिंदों ने मारा. हिंदू या कोई मजहब किसी की जान लेना नहीं सिखाता.’
दिल्ली में 24-25 फरवरी को भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. इस मामले में अब तक 48 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, वहीं 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस हिंसा में अब तक दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्सटेबल समेत 38 लोगों की मौत हो चुकी है.
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