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एक फेसबुक पोस्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज के एक प्रोफेसर और एक छात्र के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का समर्थन करने वाले छात्रों की ओर से उन्हें धमकी दी जा रही है.
ये सब 24 सितंबर को शुरू हुआ, जब हिंदी के असिस्टेंट प्रोफेसर राजीव कुंवर, ने 'पेट्रियार्की एंड विमन रेजिस्टेन्स इन इंडिया: ए हिस्टोरिकल इंक्वायरी (भारत में पितृसत्ता और महिला प्रतिरोध)' पर एक सत्र में बात की, जिसका आयोजन दयाल सिंह मजीठिया स्टडी सर्कल की ओर से किया गया था.
लेक्चर अच्छे से पूरा हुआ. लेक्चर के बारे में एक छात्र मयंक ने फेसबुक पोस्ट शेयर की. इस पर बवाल शुरू हुआ. पोस्ट के थोड़े ही देर बाद एक छात्र ने कमेंट किया कि “ये तो वही प्रोफेसर है जो भगवान कृष्ण को एक काल्पनिक पात्र मानते हैं. ऐसे प्रोफेसर का बहिष्कार करना चाहिए.” कमेंट में कुछ लोगों ने कृष्ण पर महिलाओं को 'हैरैस' करने का आरोप लगाया, जिससे ये बहस तीखी हो गई.
प्रोफेसर राजीव कुमार कुंवर का कहना है कि उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है और धमकियां भी दी जा रही हैं. उन्होंने बताया कि 30 सितंबर को हिंदी डिपार्टमेंट के कुछ छात्रों के साथ भी मारपीट की गई. उनका दावा है कि क्योंकि वे लेफ्ट रुझान वाले डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट से जुड़े हैं इसलिए उन्हें ‘राजनीतिक बदले की भावना’ के तहत निशाना बनाया जा रहा है,
इसको लेकर उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दी है.
ऐसा ही आरोप मयंक ने भी लगाया है. वो लेफ्ट छात्र संघ (एसएफआई) से जुड़े हैं. उनका कहना है कि इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. कॉलेज में उनकी तस्वीर लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े लोग उन्हें ‘बदनाम’ कर रहे हैं.
वहीं ABVP का कहना है कि वामपंथी विचारधारा से जुड़े दयाल सिंह कॉलेज के हिंदी विभाग के एक प्रोफेसर, छात्रों का भारतीयता के विचार के खिलाफ ब्रेन वाश कर रहे हैं. इसी के साथ ABVP ने प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग प्रशासन से की है.
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