RSS और BJP ने कुछ इस तरह भुनाया ‘हिंदुत्व’ का आइडिया 

जानें. कैसे BJP ने कांग्रेस का समर्थन करने वाले सेक्युलर हिंदुओं का इस्तेमाल किया

इंदिरा बसु
न्यूज वीडियो
Updated:
क्या हिंदुत्व एक बार फिर बीजेपी के लिए 2019 चुनाव का मुद्दा रहेगा?
i
क्या हिंदुत्व एक बार फिर बीजेपी के लिए 2019 चुनाव का मुद्दा रहेगा?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
कैमरा: नितिन चोपड़ा

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वही 'लहर' बना पाएंगे जो उन्होंने 2014 में 'हिंदुत्व' कार्ड पर बनाई थी? क्या हिंदुत्व एक बार फिर बीजेपी के लिए 2019 चुनाव का मुद्दा रहेगा?

ऐसे ही कुछ सवाल पूर्व-आम आदमी पार्टी के नेता और पत्रकार आशुतोष की किताब 'हिंदू राष्ट्र' उठा रही है. आशुतोष ने क्विंट से खास बातचीत में बताया कि कैसे हिंदुत्व ने भारतीय राजनीति में अपनी जगह बनाई कैसे BJP और RSS ने कांग्रेस का समर्थन करने वाले सेक्युलर हिंदुओं का इस्तेमाल किया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आशुतोष कहते हैं: 1986-1987 के बाद शाहबानो के मामले के बाद, जो अयोध्या का आंदोलन शुरू हुआ जिस तरीके से छोटे शहरों के अंदर BJP के लोगों ने या RSS के लोगों ने जो राम मंदिर को लेकर एक माहौल बनाया, उस माहौल में बहुत सारे लोगों को नए सिरे से पूरी राजनीति को अपने बारे में सोचने का एक मौका मिला है.’

उन्होंने आगे कहा कि ‘कांग्रेस ने जिस तरीके से मुसलमानों को लुभाने की कोशिश की उससे मुसलमानों को या अल्पसंख्यकों को फायदा हुआ है या नहीं ये एक अलग डिबेट है. खास तौर पर शाहबानो के मामले में की जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया. उसके बाद भी आप पार्लियामेंट के अंदर जाते हो और उस फैसले को बदलने का प्रयास करते हो तो मुझे लगता है कि बहुत बड़े तबके में खास तौर पर उत्तर भारत में हिंदुओं में उसकी एक प्रतिक्रिया आई और उस भावना को RSS, VHP, BJP, बजरंग दल के लोगों ने कायदे से भुनाने की कोशिश की’

हिंदुत्व के खिलाफ क्यों नहीं हुई अब तक कोई जवाबी कार्रवाई ?

इसका एक कारण ये हो सकता है, सबसे पहले ये होता है कि हर आइडिया की एक लाइफ स्पैन होती है कांग्रेस जो आजादी के पहले बनी हुई पार्टी है. और इसका देश को आजादी मिलने में बहुत बड़ा योगदान भी रहा है. लेकिन उसके बाद से जब सरकार में आए और जब आप सरकार में रहते हैं तो आप लोगों की नजरों में ज्यादा रहते हैं तो आपसे बहुत सारे सवाल किए जाते हैंआपसे बहुत सारी उम्मीदें रहती हैं. तो मुझे लगता है कि 1977 से 1982 तक आते-आतेजो कांग्रेस की चमक थी जो आकर्षण था वो धीरे-धीरेकम पड़ने लगा था और जो लोगों को उम्मीदें थी वो पूरी नहीं हो रही थी. तो उस संदर्भ में नए आईडिया के तौर पर RSS, VHP, बजरंग दल, BJP ने एक नया आईडिया (हिंदुत्व) लाया और मुझे लगता है कि दूसरा कारण ये है कि RSS और संघ परिवार, हिंदुत्व की जो फोर्स है वो बहुत अच्छे से संगठित हैं.

हिंदुत्व को बढ़ावा देकर क्या कांग्रेस, RSS के जाल में फंस गई है, राहुल के मंदिर जाने से पार्टी को फायदा होगा?

जहां तक राहुल गांधी का सवाल है, मुझे लगता है कि अगर वो नहीं करते अपने हिंदू आइडेंटिटी को नहीं दिखाते हैं या उसे आगे बढ़ाने का प्रयास नहीं करते. तब कांग्रेस के खत्म होने का खतरा ज्यादा था, क्योंकि RSS, BJP और VHP ने बहुत ही सफलतापूर्वक कांग्रेस पार्टी को एक मुस्लिम पार्टी के तौर पर प्रोजेक्ट कर दिया था और उसके आधार पर वो पोलराइजेशन करते थे मुझे लगता है कांग्रेस सही रास्ते पर है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 29 Mar 2019,06:50 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT