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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए. लाल किले के पास हुई हिंसा में घायल कुछ पुलिसकर्मियों ने क्विंट से बातचीत में बताया कि उन्होंने रैली के लिए पूरी तैयारी की थी लेकिन उन्हें संयम बरतने का निर्देश दिया गया था.
पुलिसकर्मियों ने बताया कि अबतक की ड्यूटी में कई तरह के प्रदर्शनों को देखा है लेकिन इस तरह का माहौल कभी नहीं देखा. दिल्ली पुलिस के एएसआई जोगिंदर राज बताते हैं कि जो भी वर्दी में लोग अंदर जा रहे थे, प्रदर्शनकारी उनपर लाठी-डंडों से हमला कर रहे थे.
दिल्ली पुलिस की कॉन्स्टेबल रेखा कुमारी बताती हैं कि पहले जो किसान आए तो शांतिपूर्वक बैठ गए थे. उसके बाद जो किसान आए उन्होंने दंगा-फसाद शुरू किया. फ़ायरिंग भी हुई जबकि पुलिस शांतिपूर्वक खड़ी थी. फायरिंग हुई, पत्थरबाजी हुई, डंडे-तलवार लिए हुए थे. और वो पुलिस के पीछे पड़ गए.
कॉन्स्टेबल रेखा कुमारी बताती हैं कि हमें पता ही नहीं था कि वो लालक़िले पर आएंगे. हमारी फोर्स ने प्रबंध अच्छा कर रखा था. उम्मीद नहीं थी कि किसान इतना बड़ा बवाल कर सकते हैं. एएसआई जोगिंदर राज कहते हैं कि ये नहीं लग रहा था कि वो किसान हैं. क्योंकि हमारे साथ काम करने वाले भी किसान के बच्चे हैं. किसान कभी अपने भाइयों पर वार नहीं करते, जैसे हो रहे थे.
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