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2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA में सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू हो गई है. 13 सितंबर को दिल्ली में 'INDIA' की कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक हुई. इस बैठक में सीट शेयरिंग से लेकर रैली और मीडिया स्ट्रेटेजी पर बातचीत हुई. सीट शेयरिंग को लेकर सदस्य दल आपस में बातचीत करेंगे और जल्द से जल्द फैसला लेंगे. लेकिन बड़ा सवाल है कि सीटों का बंटवारा कैसे होगा? किस फॉर्मूले के तहत सीट बांटे जाएंगे. इसपर सबकी निगाहें टिकी हैं.
बिहार में बना महागठबंधन ही वह बुनियाद है, जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन बना है. चलिए समझे की कोशिश करते हैं कि बिहार में सीट बंटवारे का क्या फॉर्मूला होगा? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती है? INDIA और NDA में किसका पलड़ा भारी है?
28 दलों ने एक साथ मिलकर NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया. दूसरे राज्यों में चुनावी प्रतिद्वंदी आज INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं. जिसके बाद सीट शेयरिंग का मुद्दा अहम हो जाता है. लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है. बिहार में फिलहाल महागठबंधन की सरकार है. इसमें JDU, RJD, कांग्रेस और वाम दल शामिल हैं.
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में JDU ने 16 सीटें जीती थी. RJD को एक भी सीट नहीं मिली थी. कांग्रेस के खाते में 1 सीट आई थी. वहीं वाम दलों का भी खाता नहीं खुला था. तब बीजेपी ने 17 और लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर कब्जा जमाया था. इस तरह से वर्तमान में महागठबंधन के खाते में 17 लोकसभा सीटें हैं. वहीं NDA के खाते में 23 सीटें हैं.
अगर विधानसभा की बात करें तो कुल 243 सीटें हैं. महागठबंधन 160 सीटों के साथ सत्ता में है. 2020 विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की पार्टियों ने कुछ ऐसा प्रदर्शन किया था- JDU को मात्र 43 सीटें मिली थी. RJD 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आई थी. CPI (ML) लिब्रेशन को 12 सीटें मिली थी. वहीं CPI और CPI(M) ने दो-दो सीटें जीती थी.
वोट पर्सेंटेज देखें तो- JDU को 15.39%, RJD- 23.11%, INC- 9.48% और CPI (ML) लिब्रेशन को 3.16% वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के खाते में 19.46%, LJP को 5.66% और RLSP को 1.77% वोट आए थे.
राजनीतिक जानकारों की माने तो बिहार में INDIA गठबंधन 2019 के NDA फॉर्मूले को अपना सकती है. जिसके मुताबिक, बड़े दलों को ज्यादा सीटें और छोटे दलों को उनके प्रभाव वाली सीटें दी जा सकती हैं.
इसके साथ ही वो कहते हैं, "कांग्रेस अपने खाते से एक सीट पप्पू यादव के JAP और एक सीट मुकेश सहनी के VIP को दे सकती है. वहीं CPI (ML) लिब्रेशन दो सीटों पर दावेदारी कर रही है. ऐसे में कांग्रेस को एक और सीट छोड़ना पड़ सकता है. जिसके बाद उसके खाते में 5 सीटें बचेंगी."
वो कहते हैं कि, "मुकेश सहनी बिहार की राजनीति की कटी पतंग बन गए हैं. उनको कहीं ठौर नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से राजनीति के आकाश में गोते लगा रहे हैं."
इस सवाल के जवाब में रवि उपाध्याय कहते हैं कि टिकट बंटवारा दो आधार पर होगा. पहला- जातिगत और दूसरा पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन.
अब आपको बताते हैं कि बिहार में INDIA गठबंधन और NDA गठबंधन में किसका पलड़ा भारी नजर आ रहा है. 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर INDIA गठबंधन यानी JDU, RJD, कांग्रेस और वाम दलों के शेयर को मिला दें तो 49% वोट होता है. वहीं NDA गठबंधन यानी BJP, LJP, RLSP, HAM को मिला दें तो उनका वोट शेयर 38% वोट होता है. यानी दोनों गठबंधन के वोट शेयर में 11 प्रतिशत का अंतर.
हालांकि, एक तरफ जहां INDIA गठबंधन एकजुट नजर आ रहा है. वहीं NDA का मामला पूरी तरह से साफ नहीं है. चिराग पासवान ने तो हाथ मिला लिया है. लेकिन हाजीपुर सीट को लेकर पशुपति पारस और वो आमने-सामने हैं. पारस मोदी कैबिनेट में हैं तो चिराग अभी-अभी एनडीए के साथ आए हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने भी सार्वजनिक रूप से NDA में शामिल होने का ऐलान नहीं किया है. ऐसे में NDA में भी सीट शेयरिंग को लेकर भी पेंच फंसता दिख रहा है.
बता दें कि, INDIA गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी में RJD से तेजस्वी यादव और JDU से ललन सिंह को शामिल किया गया है. कहा जा रहा है कि कोऑर्डिनेशन कमेटी 30 सितंबर तक सीट बंटवारे पर फैसला ले सकती है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कह चुके हैं, "INDIA गठबंधन में शामिल पार्टियां देश की 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं. और अगर हम एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो बीजेपी चुनाव जीत ही नहीं सकती है."
बहरहाल, अब देखना होगा कि INDIA गठबंधन में शामिल बिहार की पार्टियों को कितनी-कितनी सीटें मिलती हैं. इसके साथ की NDA के खिलाफ उम्मीदवारों का चयन भी अहम होगा.
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