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इजरायल और हमास (Israel-Hamas War) के बीच युद्ध को 48 घंटे बीत चुके हैं. हमास और इजरायल की जंग में मरने वालों की संख्या 1000 के पार चली गई है. हमले में करीब 700 से अधिक इजरायली की जान गई है. वहीं, फिलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि कम से कम 413 लोग मारे गए हैं. चलिए जानते हैं कि इन 48 घंटों में क्या-क्या हुआ?
इजरायल ने 8 अक्टूबर को औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा कर दी है. इजरायली अधिकारियों के अनुसार, गाजा के पास इजरायल के लोगों पर हमास के हमले और इजरायल में दागे गए हजारों रॉकेटों में करीब 700 से अधिक लोग मारे गए हैं.
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपडेट किया है कि युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 2,315 लोग घायल हुए हैं. जिनका इजरायली अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है. उनमें से 23 की हालत क्रिटिकल है. वहीं, 340 गंभीर स्थिति में, 449 मध्यम स्थिति में, 1,233 को चोटें आई हैं और 56 का अन्य का इलाज किया जा रहा है.
आईडीएफ प्रवक्ता, आरडीएमएल डेनियल हागारी ने इंटरनेशनल मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा “इस सप्ताहांत, हमास ने इजरायल के खिलाफ युद्ध शुरू किया. जो देश के इतिहास में निर्दोष नागरिकों के सबसे भयानक नरसंहार साबित हुआ. हमास ISIS से भी ज्यादा बर्बर और क्रूर है.
उन्होंने आगे कहा "हम घायलों के इलाज और हताहतों की संख्या को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इस अत्याचार के लिए जिम्मेदार हमास आतंकवादियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी."
इधर, फिलिस्तीन ने भी संघर्ष को लेकर टिप्पणी की. फिलिस्तीन ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा "कब्जा करने वाली शक्ति इजरायल की युद्ध की घोषणा, आपराधिकता के उसके रिकॉर्ड की निरंतरता है. इसे इजरायली अधिकारियों ने पुष्टि की है, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से और बेशर्मी से नरसंहार का आह्वान किया है."
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल में अपहरण किए गए या लापता लोगों में अमेरिका, ब्रिटेन और नेपाल के लोगों सहित कई विदेशी शामिल हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, मारे गए और अपहरण किए गए लोगों में कथित तौर पर कई अमेरिकी भी शामिल थे, हालांकि, सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की गई है. थाईलैंड, यूक्रेन, मैक्सिको और ब्रिटेन के दो लोग और कम से कम एक फ्रांसीसी व्यक्ति की मौत हो गई है और कई अन्य लापता हैं या उन्हें बंधक बना लिया गया है.
बैंकॉक का कहना है कि हमास के हमले में 12 थाई नागरिक मारे गए. थाई विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता कंचना पटाराचोक का कहना है कि हमास के हमले के बाद इजरायल में 12 थाई नागरिकों की मौत हो गई. वहीं, 11 अन्य को बंधक बना लिया गया और आठ घायल हो गए.
इधर, 8 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र की बैठक हुई थी. संयुक्त राष्ट्र(UN) में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने कहा...
उन्होंने आगे कहा "आज, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के कई सदस्य इजरायल का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन हम जानते हैं कि कल ऐसा नहीं होगा. जब इजरायल की बात आती है तो संयुक्त राष्ट्र की याददाश्त बहुत कमजोर हो जाती है, जिस आतंक का हम समर्थन करते हैं वह तुरंत एक साइड नोट बन जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. हम दुनिया को हमारे देश पर हुए अत्याचारों को भूलने नहीं देंगे."
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट कर बताया "आज फोन पर, महामहिम मोहम्मद बिन जायद और मैंने इजरायल की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की. हमने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और नागरिक जीवन की रक्षा की आवश्यकता पर चर्चा की. हमने भारत और कानून के शासन को बनाए रखने और उसका सम्मान करने के महत्व के बारे में भी बात की."
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि फिलिस्तीनी आतंकवादियों और इजरायल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से गाजा पट्टी में 123,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी, ओसीएचए का कहना है, "गाजा में 123,538 से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं.
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, मिस्र के एक खुफिया अधिकारी का कहना है कि उन्होंने इजरायल को कुछ बड़ा होने की चेतावनी दी थी. "हमने उन्हें चेतावनी दी है कि मामला बहुत बिगड़ सकता है और बहुत जल्द, और यह बड़ा होगा लेकिन उन्होंने इसपर ध्यान नहीं दिया."
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