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शनिवार, 7 अक्टूबर की सुबह हमास (Hamas) ने इजरायल (Israel) पर हमला किया, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच फिर से विवाद शुरू हो गया है. दोनों तरफ से हथियार चलाए जा रहे हैं और नागरिकों की मौतें हो रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के खिलाफ हमास ने अब तक सबसे बड़ा हमला किया है. हमले के बाद इजरायल के द्वारा कब्जे में लिए गए इलाकों में भी हमास के कुछ लड़ाकू घुसे. हमास की तरफ से कहा गया कि हम इस बात का ऐलान करना चाहते हैं कि "अब बहुत हुआ."
ऐसे में आइए जानते हैं कि हमास क्या है, इसकी स्थापना कब हुई, इसका नेतृत्व कौन करता है, हमास से जुड़े नेता कहां रहते हैं और इजरायल-फिलिस्तीन विवाद में हमास का क्या मकसद है?
हमास (Hamas) का पूरा नाम हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया (Harakat al-Muqawama al-Islamiya) यानी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन है. हमास एक आंदोलन और फिलिस्तीनी इलाके के दो प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है. यह फिलिस्तीन में रहने वाले सुन्नी-इस्लामिक लड़ाकुओं का एक ऐसा ग्रुप है, जो इजरायल द्वारा कब्जा किए गए अपने इलाकों को हासिल करने के लिए जंग लड़ रहा है. इसे एक राष्ट्रवादी संगठन के रूप में भी देखा जाता है.
इन जंगों में दोनों तरफ हजारों रॉकेट दागे जा चुके हैं. इजरायल ने हमास पर बार-बार हवाई हमले किए हैं, और मिस्र के साथ मिलकर अपनी सुरक्षा के लिए 2007 से गाजा पट्टी पर नाकाबंदी लगा दिया.
हमास, गाजा पट्टी (Gaza Strip) में दो मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनियों पर शासन करता है, लेकिन यह समूह इजरायल के प्रति अपने सशस्त्र प्रतिरोध के लिए जाना जाता है.
अमेरिका, ब्रिटेन सहित दर्जनों देशों ने हमास को एक 'आतंकवादी संगठन' का नाम भी दे रखा है. साल 1997 में अमेरिका ने हमास को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया.
शनिवार (7 अक्टूबर) को इजरायल पर हमास के हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसको एक 'आतंकवादी हमला' करार दिया.
हमास की स्थापना फिलिस्तीनी मौलवी शेख अहमद यासीन (Sheikh Ahmed Yassin) ने की थी, जो अपनी शुरुआती जिंदगी काहिरा (Cairo) में इस्लामिक पढ़ाई-लिखाई करने के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड (Muslim Brotherhood) की स्थानीय शाखाओं में एक एक्टिविस्ट बन गए.
1960 के दशक में मौलवी शेख अहमद यासीन ने वेस्ट बैंक और गाजा में उपदेश दिया और इस्लाम से जुड़े धार्मिक काम किए.
साल 1967 में हुए 6 दिन की जंग के बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक और गाजा पर कब्जा कर लिया.
उस वक्त हमास का इरादा फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ) का मुकाबला करना था. PIJ एक ऐसा संगठन है, जिसने फिलिस्तीनियों के समर्थन को ब्रदरहुड से दूर करने की धमकी दी थी.
साल 1988 में, हमास ने अपना चार्टर पब्लिश किया, जिसमें इजरायल के विनाश और ऐतिहासिक फिलिस्तीन में एक इस्लामी समाज की स्थापना का आह्वान किया गया.
हमास ने अपने इस चार्टर में मौजूदा वक्त के इजरायल को इस्लामी भूमि (Islamic Land) बताता है और यह यहूदी राज्य के साथ किसी भी स्थायी शांति को खारिज करता है.
हमास ने 2017 में एक नया डॉक्यूमेंट पब्लिश किया, जिसमें छह-दिवसीय युद्ध से पहले स्थापित "ग्रीन लाइन" सरहद पर एक अंतरिम फिलिस्तीनी राज्य को स्वीकार किया गया था, लेकिन इस बार भी इजरायल को मान्यता देने से इनकार कर दिया गया.
इस डॉक्यूमेंट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि हमास का संघर्ष यहूदियों से नहीं बल्कि "कब्जा करने वाले जायोनी हमलावरों" से है. इजरायल ने कहा कि हमास दुनिया को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहा है.
हमास के पास नेतृत्व के लिए कई बॉडीज हैं, जो कई तरह के राजनीतिक, सैन्य और सामाजिक कार्य करते हैं. हमास की जनरल पॉलिसी एक कंसल्टेटिव बॉडी के द्वारा निर्धारित की जाती है, जिसे अक्सर Politburo कहा जाता है. स्थानीय समितियां गाजा और वेस्ट बैंक में जमीनी स्तर के मुद्दों का मैनेजमेंट करती हैं.
मौजूदा वक्त में हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनियेह (Ismail Haniyeh) हैं. उन्होंने 2017 में लंबे वक्त से नेता खालिद मेशाल की जगह ली थी. रिपोर्ट के मुताबिक इस्माइल हनियेह 2020 से कतर की राजधानी दोहा से हमास के लिए काम कर रहे हैं क्योंकि गाजा के अंदर और बाहर मिस्र उनके आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.
साल 2011 में जब फिलिस्तीनी शरणार्थियों ने सीरिया के गृहयुद्ध से पहले विद्रोह में भाग लिया था, तब से हमास के नेताओं ने अपने पिछले मेजबान सीरिया के साथ अनबन के बाद कतर में अपनी उपस्थिति स्थापित की. कथित तौर पर हमास के कुछ सीनियर लोग तुर्की में समूह के कार्यालयों से काम करते हैं.
गाजा में दिन-प्रतिदिन के मामलों की देखरेख हमास के नेता याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) करते हैं, जो पहले हमास की सैन्य शाखा का नेतृत्व करते थे. याह्या, दो इजरायली सैनिकों के अपहरण और हत्या की साजिश रचने के लिए इजरायली जेल में 22 साल की सजा काट चुके हैं. वह 2011 में हमास द्वारा पकड़े गए एक इजरायली सैनिक के बदले में मुक्त किए गए एक हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों में से एक थे.
हमास की सैन्य शाखा, इज़्ज़ अद-दीन अल-क़सम ब्रिगेड (Izz ad-Din al-Qassam Brigades) की कमान मारवान इस्सा और मोहम्मद दीफ संभालते हैं. इजरायली सेना ने 2002 के हवाई हमले में मिलिशिया के संस्थापक सलाह शेहादेह की हत्या कर दी थी.
कथित तौर पर सालेह अल-अरौरी, हमास की लेबनान शाखा के प्रमुख हैं. उन्होंने 2021 में हुए आंतरिक चुनावों के बाद ग्रुप के वेस्ट बैंक का नेतृत्व भी संभाला.
हमास के नेता मेशाल (Meshaal) को प्रवासी कार्यालय का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था और सलामेह कटावी (Salameh Katawi) को कैद किए गए हमास सदस्यों के मामलों का प्रबंधन करने के लिए चुना गया था.
अमेरिका द्वारा हमास को 'आतंकवादी संगठन' नामित किए जाने के बाद इसे आधिकारिक सहायता से महरूम कर दिया गया.
मौजूदा वक्त में ईरान, हमास के सबसे बड़े मददगारों में से एक है. ईरान, हमास को धन, हथियार और प्रशिक्षण में योगदान दे रहा है. हालांकि सीरिया के गृहयुद्ध में विरोधी पक्षों का समर्थन करने के बाद ईरान और हमास थोड़े वक्त के लिए अलग हो गए थे.
कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि ईरान हमास, पीआईजे (Palestinian Islamic Jihad) और अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित अन्य फिलिस्तीनी समूहों को सालाना लगभग 100 मिलियन डॉलर की सहायता देता है.
साल 2018 में अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से हटने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के साथ तेहरान की अपने विदेशी भागीदारों को वित्त पोषित करने की क्षमता को बाधित कर दिया है.
साल 2002 में रेसेप तैयप एर्दोगन के सत्ता में आने के बाद तुर्की हमास का एक और कट्टर समर्थक और इजरायल का आलोचक रहा है. हालांकि अंकारा इस बात पर जोर देता है कि वह केवल राजनीतिक रूप से हमास का समर्थन करता है. तुर्की पर भी हमास को वित्त पोषित करने का आरोप लगाया गया है.
गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक दोनों फिलिस्तीनी के इलाके हैं, जो मैंडेट फिलिस्तीन (Mandatory Palestine) का हिस्सा थे. 1967 में छह दिन की जंग के दौरान इजरायल ने इस पर कब्जा कर लिया था. दोनों इलाकों में मिलाकर देखें तो इसमें 5 मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनी रहते हैं.
वेस्ट बैंक मौजूदा वक्त में इजरायल के अंदर स्थित एक इलाका है, लेकिन यह 2,173 वर्ग मील की गाजा पट्टी से बहुत बड़ा है. वेस्ट बैंक, इजरायल की पूर्वी सीमा पर जॉर्डन नदी (Jordan River) के पश्चिमी किनारे और ज्यादातर मृत सागर (Dead Sea) तक फैला हुआ है. इस वजह से ही इसका नाम वेस्ट बैंक पड़ा.
गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक के इलाकों पर इजरायल के एक देश बनने से पहले सैकड़ों सालों ज्यादा वक्त से संघर्ष चल रहा है. इस इलाके में रहने वाले फिलिस्तीनी इजरायली प्रतिबंधों के अधीन हैं, जो अक्सर भोजन, पानी और आपूर्ति के लिए सहायता पर निर्भर होते हैं.
(इनपुट- Council on Foreign Relations, Palestine Children's Relief Fund, BBC)
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