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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्र सोमवार को राजधानी की सड़कों पर उतरे. हॉस्टल फीस समेत कई मुद्दें को लेकर संसद की ओर मार्च निकाला. इस वजह से राजधानी के कुछ हिस्सों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हुआ. संसद जाने तक के रास्ते पर पुलिस ने कई जगह बैरिकेडिंग लगाकर छात्रों को रोका, लेकिन छात्र एक-एक कर सारी बैरिकेडिंग पार करते गए. इसके चलते कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया.
जेएनयू के छात्रों से बातचीत के लिए केंद्र सरकार ने एक हाई पावर कमेटी तैयार की है. जो छात्रों से बातचीत कर इस मसले को सुलझाने की कोशिश करेगी. जेएनयू छात्र संघ के नेता सतीश यादव ने क्विंट को बताया कि छात्रों का प्रदर्शन जारी रहेगा और मिनिस्ट्री की ओर से बनाई गई कमेटी में जेएनयू छात्र भी शामिल होंगे.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने के लिए छात्रों को समझाने की भी कोशिश की. लेकिन छात्र लगातार प्रदर्शन करते रहे.
संसद तक पहुंचने की कोशिश में कई छात्रों की पुलिसकर्मियों से झड़प भी हुई है. जेएनयू के छात्रों ने आरोप लगाया है कि पुलिस और सुरक्षाबलों ने उनके साथ मारपीट की है.
छात्रों का कहना है कि उन्हें मार्च निकालने की आजादी नहीं दी जा रही है. उन्होंने शांतिपूर्ण मार्च निकालने की मांग की थी, लेकिन फिर भी धारा 144 लगा दी गई. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने सिविल ड्रेस में उनके साथ मारपीट की है, उन्हें लात-घूसों से मारा जा रहा है.
जेएनयू छात्र हॉस्टल मैनुअल के ड्राफ्ट को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि उनके हॉस्टल रूम का किराया बढ़ाए जाने का फैसला वापस लिया जाना जाए. हॉस्टल मैनुअल ड्राफ्ट में फीस बढ़ोतरी के साथ-साथ ड्रेस कोड और कर्फ्यू टाइमिंग को भी वापस लेने की छात्र मांग कर रहे हैं. हॉस्टल मैनुअल में लड़कों के कमरे में किसी लड़की या फिर लड़की के कमरे में किसी लड़के की एंट्री पर रोक लगाई गई है. हॉस्टल के नियमों का पालन न करने पर 10,000 रुपये के जुर्माने का भी प्रस्ताव है.
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