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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी
कैमरा: अभिषेक रंजन
'हर-हर महादेव' के नारों के बीच 'अल्लाहु अकबर' की आवाज. एक तरफ तिलक-विभूति लगाए जाप कर रहे साधु, दूसरी तरफ टोपी पहने, दुआ के लिए हाथ उठाए बैठे सफेद दाढ़ी में एक शख्स. और ये सब हो रहा था हिन्दुओं के महापर्व कुंभ में.
ये शख्स 22 साल से कुंभ को रोशन करने का काम कर रहे हैं. ऐसे तो लोग इन्हें 'मुल्ला जी लाइट वाले' के नाम से जानते हैं, लेकिन इनका असल नाम है मोहम्मद महमूद.
यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले 76 साल के महमूद 1986 में हरिद्वार में कुंभ के जूना अखाड़ा के साधुओं से मिले थे. तब से ही वो जूना अखाड़े की लाइटिंग का पूरा काम संभाल रहे हैं.
मुल्ला जी से जब हम मिलने पहुंचे, तो वो अपनी दुकान के बाहर एक खाट पर बैठे थे. उनके चारों तरफ भगवा रंग के कपड़े पहने साधु खड़े थे और सब मुल्ला जी के साथ हंसी-मजाक कर रहे थे. जब हम उनके पास पहुंचे, तो वो बाकी खड़े साधुओं को कहते हैं, ''देखिए मेहमान आये हैं.''
मोहम्मद महमूद बताते हैं:
ये पूछने पर कि वो हिन्दुओं के इस पर्व में शामिल होते हैं, तो क्या उन्हें किसी तरह की दिक्कत होती है, मुल्ला जी हंसते हुए जवाब देते हैं:
मुल्ला जी बताते हैं कि उनके पास कुल 12 लोग हैं, जिनमें 6 हिंदू और 6 मुसलमान, लेकिन कभी कोई भेदभाव नहीं.
मुल्ला जी से जब हमने पूछा कि देश में हिंदू-मुसलमान को लड़ाने की, एक-दूसरे से नफरत कराने की बातें होती हैं, इस पर आप क्या कहेंगे? मुल्ला जी ने तपाक से कहा, “नफरत फैलाने वाले नफरत फैलाएंगे, हम मोहब्बत वाले हैं. आप यहां खड़े साधुओं से पूछ लीजिए कि हमारे बीच कैसे रिश्ते हैं. यहां महात्मा-साधु गुस्सा तो दिखाते हैं. अगर किसी ने गाली दी, तो मैं कहता हूं लो मेरी झोली में डाल दो. अपना मन हल्का कर लिया, तो क्या दिक्कत है? चाहे कोई कितना भी गुस्सा करे, लेकिन उसे हम हंसाकर भेजेंगे.”
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