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ड्रग्स के खिलाफ जंग छेडनेवाली NCB अब खुद शक के घेरे में हैं. मुंबई NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े(Sameer Wankhede) पर हुए उगाही के आरोपों के बाद अब NCB ने आंतरिक जांच के आदेश दे दिए है. इसमे सबसे बड़ा रोल एनसीपी के नेता और मंत्री नवाब मालिक निभा रहे है. क्योंकि एक के बाद एक मलिक ने समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप करते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया है.
क्रूज़ ड्रग्स मामले में विटनेस नंबर 1 बने प्रभाकर साईल नामक शख्स ने बीते रविवार सबकी नींद उड़ा कर रख दी. साईल ने बताया कि वो दूसरे विटनेस किरण गोसावी का पर्सनल बॉडीगार्ड है. उसने आरोप लगाया कि गोसावी ने इस मामले को रफा दफा करने के लिए शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी से 25 करोड़ की डिमांड की. इसमे 18 करोड़ तक सेटलमेंट के बाद 8 करोड़ समीर वानखेड़े को देने की बात कही. NCB ने साईल से 9 से 10 ब्लेंक पेपर्स पर साइन भी करवाया. इतना ही नही, गोसावी के कहने पर साईल ने एक अनजान शख्स से 50 लाख नकद उठाए और उसमें से 38 लाख रुपये दूसरे दिन सैम डिसौजा नामक शख्स को सौंपे.
अब पिच्चर में आता हैं दूसरा किरदार सैम डिसौजा. साईल के मुताबिक क्रूज़ पर रेड की रात गोसावी और सैम की NCB दफ्तर के बाहर मीटिंग हुई. इन दोनों के बीच 25 करोड़ की डिमांड करने की बात साईल ने सुनी थी. इसके अलावा शिवसेना नेता संजय राउत ने भी दावा किया है कि इस पूरे खेल का सबसे बड़ा खिलाड़ी सैम डिसौजा ही है.
मलिक ने वानखेड़े के जन्म प्रमाणपत्र को ट्वीट करते हुए इसे फर्जीवाड़े की शुरआत कहा है. मलिक का कहना है कि समीर वानखेड़े के पिता का नाम दावूद वानखेड़े है और वे मुस्लिम है. बावजूद इसके वानखेड़े ने पिछड़े वर्ग को बहाल आरक्षण का गलत तरीके से लाभ लेते हुए IRS का एग्जाम पास किया. वानखेड़े के पहले शादी के वायरल फोटोज पर भी मलिक ने सवाल खड़े किए. लेकिन समीर वानखेड़े ने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कोर्ट में हलफनामा दायर किया. ड्रग्स मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश बताया. साथ ही प्रेस रिलीज जारी कर उन्हें और उनके परिवार को टारगेट किए जाने का आरोप लगाया. लेकिन कोर्ट ने कोई भी राहत देने से साफ इनकार कर दिया है.
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