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नेपाल (Nepal) में कथित तौर पर सोशल मीडिया को लेकर बांके में हिंदू और मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आ गए हैं. दंगे भड़कने की आशंका के बाद स्थानीय प्रशासन ने नेपालगंज उपमहानगरीय इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है. हालांकि, कहा जा रहा है कि तनाव का कारण कोई बड़ा नहीं है.
28 सितंबर को मुस्लिम समुदाय ईद-मिलाद-उन-नबी मना रहा था. बांके नरैनापुर के एक युवक ने सोशल मीडिया पर धर्म विशेष को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट किया था. यह टिप्पणी कलुवा नाम की फेसबुक आईडी से लिखी गई थी. इसके न तो ज्यादा फॉलोवर्स थे और न ही इसे लिखने वाले की पहचान ही उजागर की गई थी. हालांकि, धार्मिक निंदा से मुस्लिम समुदाय में गुस्सा फैल गया.
पूरे विवाद के बीच नेपालगंज उप-महानगरीय वार्ड नं. 5 के वार्ड अध्यक्ष मो. सराफत खान द्वारा कथित रूप से भड़काऊ बयान देने की भी बात सामने आई है. इसके बाद नेपालगंज में सुनियोजित विरोध की तैयारी शुरू हो गयी थी.
वहीं विभिन्न समुदायों द्वारा एक के बाद एक प्रदर्शन और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन ने एक सर्वदलीय बैठक भी. बैठक में सामाजिक और धार्मिक सद्भावना रैली निकालने का निर्णय लिया गया. हालांकि, ओंकार परिवार के नेपालगंज बंद और प्रदर्शन को नहीं रोका जा सका.
मंगलवार सुबह नेपालगंज में आयोजित सद्भावना रैली में कुछ धार्मिक नेता, राजनीतिक कार्यकर्ता, उद्योगपति शामिल हुए, लेकिन कोई खास भागीदारी नहीं रही.
बागेश्वरी मंदिर पूर्वी गेट से निकली ओंकार परिवार की शोभा यात्रा सेतु बिक चौक, धम्बोझी होते हुए वीपी चौक पहुंचने तक शांतिपूर्ण रही. जुलूस में शीशा फेंके जाने के बाद जुलूस में शामिल लोग तितर-बितर हो गये. इससे दोनों पक्षों में झड़प हो गई. वीपी चौक और ईदगाह रोड पर दोनों पक्षों के बीच पथराव को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने एक दर्जन बार हवाई फायरिंग की. झड़प में एक दर्जन पुलिस और प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए.
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