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संसद सुरक्षा चूक मामला: 'दो साल से रची जा रही थी साजिश', कोर्ट में सरकारी वकील का दावा

Parliament Security Breach: दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन के मामले में दर्ज FIR में बताया है कि आरोपियों ने किस तरह प्लान बनाया.

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<div class="paragraphs"><p>संसद सुरक्षा चूक मामला: 'दो साल से रची जा रही थी साजिश', कोर्ट में सरकारी वकील का दावा</p></div>
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संसद सुरक्षा चूक मामला: 'दो साल से रची जा रही थी साजिश', कोर्ट में सरकारी वकील का दावा

(फोटो: X)

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पिछले दिनों भारत की संसद में हुए सुरक्षा चूक मामले (Parliament Security Breach) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को एक और कामयाबी मिली है. पुलिस ने छठवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस के हाथ लगे इस शख्स का नाम महेश कुमावत है. इस पर आरोप है कि इसने कथित 'मास्टरमाइंड' ललित झा को दिल्ली से भागने में मदद की थी. शनिवार को महेश को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने आरोपी को 7 दिन पुलिस रिमांड में भेज दिया है.

लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने 15 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करते हुए अदालत से कहा कि आरोपी अपनी अवैध मांगों को पूरा कराने के लिए देश में अराजकता की स्थिति पैदा करना चाहते हैं.

उन्होंने आगे तर्क दिया कि

संसद में प्रवेश की साजिश दो साल से चल रही थी और आरोपी व्यक्तियों ने अपनी योजना के तहत मैसूर, दिल्ली और गुड़गांव में बैठकें की थीं.

पटियाला हाउस कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

दिल्ली पुलिस ने महेश कुमावत की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसने साजिश के सबूत नष्ट करने के लिए सह-आरोपी ललित झा के साथ मिलकर काम किया. महेश कथित तौर पर 'भगत सिंह फैन पेज' नामक एक फेसबुक समूह के माध्यम से मुख्य आरोपी ललित झा और अन्य से जुड़ा था.

आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे कानूनी सहायता वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि आरोपी को क्यों गिरफ्तार किया गया है.

इससे पहले दिन में, संसद सुरक्षा उल्लंघन घटना के आरोपियों में से एक नीलम आजाद के माता-पिता ने उनसे मिलने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था. उन्होंने मामले में FIR की एक कॉपी भी मांगी.

बता दें कि आरोपी मनोरंजन डी और सागर शर्मा को दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूदने और धुएं के डिब्बे खोलने के लिए गिरफ्तार किया गया था, वहीं नीलम आजाद और अमोल शिंदे को संसद के बाहर धुएं के डिब्बे खोलने के लिए गिरफ्तार किया गया था. ललित झा को शुक्रवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि पुलिस 13 दिसंबर की घटना को दोहराने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है, जो 2001 में उस पर हुए हमले की बरसी पर सामने आई थी.

पश्चिम बंगाल के रहने वाले मुख्य आरोपी ललित झा को गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में दावा किया कि उसने माना किया है कि आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए कई बार मुलाकात की थी.

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि इसके अलावा, यह पता लगाने के लिए भी उससे पूछताछ की जरूरत है कि क्या आरोपी का किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध था.

संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में पुलिस ने FIR में क्या कहा है?

दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन के मामले में दर्ज FIR में विस्तार से बताया है कि घुसपैठियों सागर शर्मा (25) और मनोरंजन डी (35) ने किस तरह से अपने इरादे को अंजाम दिया. रंगीन धुंए के कनस्तरों को अंदर फिट करने के लिए जूतों में जगह बनाई गई.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने FIR में यह भी कहा है कि कनस्तरों को हैंडल करते वक्त हमेशा चश्मा और दस्ताने पहनने की चेतावनी दी गई है और उन्हें कभी भी घर के अंदर नहीं रखने को कहा गया है. FIR के मुताबिक धुंए वाले कनस्तर चीन से बने हैं और निर्देशों में यह भी कहा गया है कि उनका उपयोग केवल पर्यवेक्षित इलाकों में किया जाना है.

रिपोर्ट के मुताबिक FIR में आरोपियों द्वारा पहने गए जूतों और मोजों के रंग और बनावट, उनके पास मौजूद कनस्तरों और उन पैम्फलेटों के बारे में बताया गया है. जिन पर "तिरंगे रंग में मुट्ठी की तस्वीर और हिंदी में एक नारा" और "अंग्रेजी में एक नारा" लिखा हुआ था.

पुलिस ने दिल्ली पुलिस कर्मियों की शिकायत के आधार पर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की.

पुलिस ने कहा कि IPC की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 353 (जनता को रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16 और 18 के तहत आरोपी बनाया गया है. FIR में कहा गया है कि सीनियर अधिकारियों के निर्देश के मुताबिक मामले की आगे की जांच स्पेशल सेल द्वारा की जानी है.

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