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प्रोड्यूसर: अभय कुमार सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से जुड़ी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अदालत का कहना है कि इस डील की जांच का आदेश देना उसके न्यायिक दायरे में नहीं आता है. अब कांग्रेस ने राफेल डील को लेकर संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) की मांग की है. ऐसे में राफेल एक बार फिर सुर्खियों में है. हम आपको इस डील से जुड़ी हर बड़ी बात बता रहे हैं.
राफेल के कौन से ये सीक्रेट हैं जो आप जानना चाहते हैं और सरकार आपको बताता नहीं चाहती. आप क्या जानना चाहते हैं- दाम चाहिए, दाम बताऊंगा. ये क्या करामात करता है, करामात बताऊंगा.
आपको कहा गया है दाम मत पूछो, दुश्मन को राफेल के राज का पता चल जाएगा और ये नेशनल इंटरेस्ट में नहीं है. हुकूमत ने आपको इतना जरूर बताया है कि हम पूरी तरह से हथियारों से लैस कॉम्बैट राफेल खरीद रहे हैं. तो देखिए कि इसमें क्या क्या होता है-
ये छुपा रुस्तम है. दुश्मन के रेडार को चकमा दे सकता है. उसके रेडार का पता लगा सकता है. ये हवा से हवा में, हवा से जमीन पर मार कर सकता है. ये सात तरह के बम और मिसाइल ढो सकता है. ये न्यूक्लियर आर्म्स भी कैरी कर सकता है. ये स्ट्रैटेजिक ठिकानों की हिफाजत के लिए दुश्मन के मिसाइल को रास्ते में डिकॉय भेजकर गुमराह और तबाह कर सकता है और किसी मूविंग निशाने के पीछे मिसाइल लगा दे तो एकदम प्रेसाइज, अचूक हमला कर सकता है.
ये एयर क्राफ्ट कैरियर से उड़ सकता है. ये इतना काबिल है कि 400 मीटर के रनवे से टेक ऑफ और लैंड कर सकता है
ये सारे सीक्रेट हैं राफेल के, जो मैंने आपको ब्रीफली बता दिए हैं. आप और भी सीक्रेट जानना चाहते हैं तो ये राज भी मैं आपसे शेयर कर लेता हूं लेकिन आप किसी को बताइयेगा नहीं. ये सब सीक्रेट्स मुझे अमेजन प्राइम पर राफेल पर एक डॉक्यूमेंट्री में मिले हैं!
अब आते हैं राफेल की कीमत पर. विकीपीडिया कहता है कि फ्लाई अवे राफेल बी 2011 में 7.4 करोड़ यूरो का था यानी करीब 520 करोड़ रुपए. अभी हमारे देश में विवाद ये है कि सरकार ने इसे खरीदा है 1600 करोड़ रुपए में. ये दाम 2015-16 के हैं.
ये सब तो मोटी मोटी बातें हैं. नेशनल इंटरेस्ट में सीक्रेसी और कॉन्फिडेंशियलिटी का बहाना सब सरकारें बनाती हैं. ये ऐब्सर्ड है क्योंकि डिफेंस सेक्टर के सभी प्लेयर- खरीदनेवाले बेचनेवाले सब जानते हैं तो फिर जिस पब्लिक का पैसा है, जो मालिक है, उसी पब्लिक से क्या छुपाना?
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