आडवाणी की मौजूदगी में राहुल ने BJP को सुनाई खरी-खरी

राहुल गांधी ने वियतनाम में मिले शख्स से जो सबक सीखा, उसे करण थापर के बुक लॉन्च इवेंट में साझा किया

इंदिरा बसु
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करण थापर के बुक लॉन्च इवेंट में राहुल गांधी ने अपने विचार साझा किए
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करण थापर के बुक लॉन्च इवेंट में राहुल गांधी ने अपने विचार साझा किए
(फोटो: क्विंट)

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कैमरा: अभिषेक रंजन

कैमरा असिस्टेंट: अमनजीत सिंह

वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

प्रोड्यूसर: इंदिरा बसु

25 जुलाई को दिल्ली के ताजमहल होटल में वरिष्ठ पत्रकार करण थापर की बुक लॉन्च का इवेंट था. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी मौजूद थे.

बुधवार की शाम राहुल गांधी ने इवेंट में 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के तौर पर बोलते हुए अपनी वियतनाम यात्रा का एक वाकया साझा किया. उन्होंने कहा कि वियतनाम में उनकी मुलाकात एक ऐसे आदमी से हुई, जिसने उन्हें बताया कि उसकी आंखों के सामने अमेरिका के गिराए बम की वजह से उसकी मां की मौत हो गई थी. उस समय उस वियतनामी आदमी की उम्र सिर्फ सात साल थी. उसके सर पर भी बम विस्फोट के जख्म की वजह से गहरा दाग बन गया था.

राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें इस बात से बेहद हैरानी हुई कि वियतनाम युद्ध से जिंदा बचे इस शख्स ने अमेरिकी बम हमलों में अपने परिवार के कई सदस्यों को खो देने के बावजूद अमेरिकियों के लिए अपने दिल में कोई नफरत नहीं रखी थी.

राहुल गांधी ने वहां जो सबक सीखा और करण थापर के बुक लॉन्च इवेंट में साझा किया, वो ये था कि कोई किसी के साथ राजनीति या विचारधारा की लड़ाई लड़ सकता है, धुर विरोधी हो सकता है और फिर भी उनके प्रति मन में कोई नफरत न हो.

“नफरत एक विकल्प है. यह एक ऐसा विकल्प है, जिसे आप खुद चुनते हैं. मैं लालकृष्ण आडवाणी से असहमत हो सकता हूं और मेरे पास आडवाणी की तुलना में देश की पूरी तरह से अलग धारणा हो सकती है... लेकिन मैं उनसे नफरत नहीं करता. मैं वाकई उन्हें गले लगा सकता हूं और उनसे बहस कर सकता हूं.”
- राहुल गांधी  

जाहिर है, राहुल गांधी लोकसभा में कुछ दिन पहले हुई उस घटना का जिक्र कर रहे थे, जब उन्होंने कहा था कि वो अपने विरोधियों से नफरत नहीं करते. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगा लिया था.

राहुल ने हिंदू धर्म के कथित आदर्शों के बारे में बात करते हुए कहा, "अगर कोई एक बात है, जो हमारा धर्म हमें सिखाता है, तो वो ये है कि आप पूरी तरह से नफरत में कैद नहीं हो सकते. और यही मेरी कोशिश है."

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