Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत में रह रहे शरणार्थियों को कब लगेगी कोरोना कवैक्सीन?

भारत में रह रहे शरणार्थियों को कब लगेगी कोरोना कवैक्सीन?

अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार से आए refugee को COVID-19 वैक्सीन का इंतजार

ज़िजाह शेरवानी
न्यूज वीडियो
Published:
<div class="paragraphs"><p>उम्मीद है कि भारत सरकार हमें वैक्सीन लगाने की मंजूरी देगी: शरणार्थी</p></div>
i

उम्मीद है कि भारत सरकार हमें वैक्सीन लगाने की मंजूरी देगी: शरणार्थी

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

महामारी को खत्म करने में मदद होगी अगर शरणार्थियों को कोरोना वायरस वैक्सीन प्रोग्राम में शामिल किया जाए- ये कहना है UNHCR का.

देश के लिए ये एक बड़ी चुनौती होगी कि वो देश में रह रहे शरणार्थियों (Refugees) को वैक्सीन (Vaccine) की कमी के बीच उन्हें Coronavirus Vaccination Program में शामिल कर पाए.

2,40,000 शरणार्थी और शरण चाहने वालों के साथ 3.8 मिलियन नेपाली और बांगलादेशी इमिग्रेंट भारत में पनाह ले रहे हैं. अभी तक उन्हें देश के वैक्सीन प्रोग्राम में शामिल नहीं किया गया है.

द क्विंट ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और म्यांमार के से देश में आए कुछ शरणार्थियों और उनके परिवार से मुलाकात की और वैक्सीन को लेकर बात की

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

‘जब तक कोई सुरक्षित नहीं है, तब तक सभी को खतरा है’

दिल्ली के रेफ्यूजी कैंप में रहने वाली 18 साल की मिनाज एक रोहिंग्या मुस्लिम हैं और भारत में लगभग 9 साल से रह रही हैं. मिनाज का कहना है कि- सबसे ज्यादा वायरस से खतरा उन्हें . वो कहती हैं- ‘हम सभी लोग यहीं रह रहे हैं, कैम्प से भी बाहर नहीं जा रहे हैं, जो NGO खाना देने आते हैं उन्हीं से हमारा गुजारा हो रहा है’

अगर भारत सरकार ने देश के नागरिकों को वैक्सीन लगाई है या उन्हें लाई है जिनके पास दस्तावेज हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि इससे कोरोना रुक जाएगा, हम भी इस देश में रह रहे हैं, हम कई भारतीय लोगों से मिलते हैं अगर हमें संक्रमण हो गया तो फिर बाक़ियों को भी हो सकता है और ये फेल सकता है
मिनाज, रोहिंग्या शरणार्थी

अब्दुल्ला मिनाज के टेंट से कुछ दूर ही रहते हैं, लेकिन उनकी पहली चिंता वैक्सीन नहीं बल्कि अपनी पत्नी को बचाना है. जिसे कभी भी होल्डिंग सेंटर में ले जाया जा सकता है. सेम केस होने के बावजूद अब्दुल्ला का UNHRC का कार्ड रिन्यू हो चुका है, लेकिन उनकी पत्नी का कॉर्ड अब भी नहीं हो पाया है. वो कहते हैं-

जब हमें, जिनके पास वैलिड कॉर्ड है जब उन्हें इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो जिनके पास कॉर्ड ही नहीं है उनका क्या हो रहा होगा? उनका कहना है कि मेरी बीवी भारत आने के बाद बांग्लादेश चली गई थी, ऐसा हो ही नहीं सकता, 2019 में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हमारा बच्चा हुआ है.
अब्दुल्ला, रोहिंग्या शरणार्थी

द क्विंट ने अफगान सिख के मोहल्ले में जाकर कुछ लोगों से बात की जो दिल्ली के जनकपुरी में स्थिति है. हमें कई लोगों ने बताया है कि इस क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह ने लोगों को वादा किया है कि वो उन्हें वैक्सीन दिलवाने की कोशिश करेंगे.

सरकार ने हमारे भले की नहीं सोची, कुछ काम नहीं किया, गुरुद्वारे में जो हमारे भाई हैं उन्होंने ने ही हमारी मदद की, कुछ पैसे भी दिया वक्त पर.
दलिप सिंह, अफगान शरणार्थी

एक तरह देश में वैक्सीन की किल्लत है तो UNHRC के डेटा के मुताबिक - दुनियाभर में लगभग 51 देशों ने अपने वैक्सीन प्रोग्राम में शरणार्थियों को शामिल किया है. दिल्ली के रेफ्यूजी कैम्प में रह रहे शरणार्थियों को वैक्सीन का इंतजार है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT