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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के पटना (Patna) पहुंचते ही बिहार की सियासी गलियों का पारा एकाएक उपर चढ़ने लगा. जहां एक ओर पटना आते ही लालू प्रसाद यादव को विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से उखड़े-उखड़े चल रहे हैं.
RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव 24 अक्टूबर 2021 को तीन साल बाद पटना पहुंचे हैं. जहां वो बिहार (Bihar) में होने वाले उपचुनावों में प्रचार करेंगे.
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के साथ गठबंधन वाले सवाल पर लालू अपने पुराने अंदाज में गुस्से में बोले "क्या गठबंधन, गठबंधन क्या होता है? कांग्रेस को हारने के लिए सीट दे दे, जमानत जब्त करने के लिए."
भक्तचरण दास के आरोपों का जवाब देते हुए लालू बोले वो भकचोन्हर यानी की एब्सेंट माइंडेड व्यक्ति है.
आरजेडी में पड़ी फूट पर लालू प्रसाद ने कहा कि तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव में सब कुछ ठीक है, दोनों हमारे बेटे हैं.
लालू प्रसाद यादव को पटना पहुंचते ही दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पहली चुनौती कांग्रेस नेता भक्तचरण दास पर जो उन्होंने कमेंट किया है उस पर कांग्रेस उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है, वहीं बाकी दलों ने भी निशाना साधा है. बीजेपी (BJP), जेडीयू (JDU) और हम (HAM) ने एक स्वर में लालू प्रसाद यादव के इस बयान को दलित विरोधी बयान बताया.
तेज प्रताप यादव अपने आवास के बहार धरने पर बैठ गए जिसके बाद लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी खुद उन्हें मनाने पहुंचे. आधी रात सड़क पर चले इस फैमिली ड्रामे के बाद तेज प्रताप ने कहा कि उन्होंने इस लड़ाई को जीत लिया है.
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