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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहीम
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार कर लिया है. कभी 80 घंटे की फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए अजित पवार, ठाकरे सरकार में भी डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे को भी कैबिनेट में जगह दी है. शिवसेना-NCP-कांग्रेस वाले गठबंधन सरकार में कुल 26 मंत्रियों ने आज शपथ ली, जबकि दस राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है .
हालांकि, आज हुए शपथ ग्रहण समारोह में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि आदित्य ठाकरे को मंत्री बनाया गया है क्योंकि सुबह तक आदित्य ठाकरे के नाम को लेकर किसी भी तरह का कोई खुलासा नहीं हो पा रहा था.
बता दें कि आदित्य ठाकरे ने पहली बार चुनाव लड़ा है और वर्ली से विधायक चुने गए हैं और अब उन्हें मंत्री पद की शपथ भी दिला दी गई है. महाराष्ट्र में ये पहली बार है जब पिता-पुत्र की जोड़ी सरकार में देखने को मिल रही है. लेकिन महाराष्ट्र के अलावा तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब जैसे कई राज्यों में ऐसा पहले भी देखने को मिला है.
चुनाव प्रचार के दौरान कई बार ऐसे मौके आए जब 'आदित्य ठाकरे मुख्यमंत्री हो' इस तरह की घोषणा शिवसेना की तरफ से रैलियों में और पोस्टर के जरिए देखने को मिली है. लेकिन शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन टूटने के बाद जब शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनी तो उसमें उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान हुआ.
देवेंद्र फडणवीस की 3 दिनों की सरकार में अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन बाद में उनके इस्तीफा देने के बाद बीजेपी की सरकार गिर गई. जब शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस का मुंबई के शिवाजी पार्क में शपथ समारोह हुआ उस वक्त अजित पवार शपथ लेंगे इस तरह की चर्चा हो रही थी. लेकिन उस वक्त ऐसा नहीं हुआ और ऐसा कहा जा रहा था कि उद्धव ठाकरे इसके लिए तैयार नहीं थे.
इस सरकार में सबसे ज्यादा चर्चा गृह मंत्रालय को लेकर है. ये मंत्रालय फिलहाल, शिवसेना के पास है और शिवसेना ये छोड़ना नहीं चाहती. सूत्र ये बताते हैं कि एनसीपी ने शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि गठबंधन के वक्त जिस तरह की शर्तों पर फाइनल बातचीत हुई थी उसे ही लागू करना ठीक होगा.
कैबिनेट विस्तार के बाद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जब उनसे पूछा गया कि गृह मंत्रालय शिवसेना के पास रहेगा या एनसीपी के खाते में चला जाएगा. इसके जवाब में ठाकरे ने कहा, “किसी के पास भी रहे क्या फर्क पड़ेगा? अगर एनसीपी के पास रहेगा तो कुछ होगा क्या? हमें साथ मिलकर सरकार चलानी है.”
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