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धरने पर बैठे जामिया छात्रों को चाय-समोसा बांटते दिखे सिख से मिलिए

पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब नागरिकता कानून को लेकर विरोध और तेज हो चुका है

एंथनी रोजारियो
न्यूज वीडियो
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पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब नागरिकता कानून को लेकर विरोध और तेज हो चुका है
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पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब नागरिकता कानून को लेकर विरोध और तेज हो चुका है
(फोटो: द क्विंट)

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

15 दिसंबर को जहां प्रदर्शन कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई हुई, वहीं एक सिख व्यक्ति इन छात्रों को चाय और समोसा बांटकर समर्थन देता नजर आया. जबरजन सिंह नाम के इस शख्स ने द क्विंट के साथ बातचीत में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को 'काला कानून' बताया.

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जबरजन सिंह ने कहा, "दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोटेस्ट गलत है. सरकार को ऐसा मौका ही नहीं देना चाहिए था. सरकार को ऐसा काला कानून ही नहीं लाना चाहिए था, जिसकी वजह से स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई छोड़कर सड़क पर आना पड़ा."

मेरा ये कहना है कि भूखे का कोई धर्म नहीं होता है. इसे धर्म में मत बांटिए. सभी धर्मों के लोग इस प्रोटेस्ट में साथ दे, हमारा साथ दे, ये लड़ाई इन लोगों की नहीं है. <b>ये तो बच्चे हैं, असल में लड़ाई हमारी है</b>. ये नहीं नहीं होना चाहिए कि आप हमारे देश में आए हो और हम आपसे आपका धर्म पूछें, ये सही नहीं है.
जबरजन सिंह, बठिंडा, पंजाब

जबरजन सिंह ने कहा, हम यहां अपनी जान की सेवा करने के लिए आए हैं. अगर हमें इसके लिए जान भी देना पड़े, तो ये सेवा भी कर सकते हैं.

बता दें, 15 दिसंबर को दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के अंदर हुई झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मियों समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अब नागरिकता कानून को लेकर विरोध और तेज हो चुका है. इस घटना का असर पूरे देश में हो रहा है. देशभर में कई जगहों से जामिया के छात्रों को समर्थन मिल रहा है. कई पार्टियों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी छात्रों के समर्थन में उतर गए हैं.

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Published: 17 Dec 2019,11:21 AM IST

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