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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की घंटी बज चुकी है. मध्य प्रदेश व्यापम घोटाले की घंटी बजाने वाले यानी व्हिसलब्लोअर आशीष चतुर्वेदी से क्विंट ने की खास बातचीत. खास बातचीत में आशीष ने कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. व्यापम घोटाले में अब तक एक भी शख्स को सजा न मिलने पर आशीष ने कहा है कि, 'चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों ही पार्टी के लोग घोटाले में शामिल हैं.”
साल 2013 में कई प्रोफेशनल कॉलेज में एडमिशन और भर्तियों में हुए ये बड़ा घोटाला सामने आया था. पढ़िए आशीष चतुर्वेदी से हमारी खास बातचीत...
इस चुनाव में कहीं न कहीं व्यापम स्कैम गायब है. इसकी बात कोई नहीं कर रहा है, ऐसा क्यों?
चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टी के लोग घोटाले में शामिल हैं. घोटालेबाज लोगों के माध्यम से सत्ता के मुकाम तक पहुंचना चाहते हैं. इस कारण से दोनों ही पार्टियों के लोग इस घोटाले के संबंध में बात करने से लगातार बचते हुए नजर आ रहे हैं.
आखिर आशीष चतुर्वेदी ने इस घोटाले का कैसे पता लगाया?
मेरी मां को कैंसर हुआ था. मां के कैंसर के इलाज के दिनों में कई सारे डॉक्टरों से मिलना हुआ उन लोगों से जब बात होती थी तो लगातार एक बात आती थी कि मेडिकल प्रोफेशन में कुछ माफिया या ऐसे लोग आ रहे हैं जो लगातार सीटों को बेच रहे हैं उन सीटों पर अपने ही लोगों को ला रहे हैं.
अचानक ही संघ के मध्यम से मेरी एक ऐसे लड़के से मित्रता हुई, जो खुद आरएसएस का स्वयंसेवक था उसने बताया कि वो टॉप रेंकर हुआ करता था 2009 बैच का, उसकी एक मानसिकता या उसका विचार सुनिए कि ‘आशीष जी अब तक तो सब लुटेरे थे, अब माफिया आया है’. मतलब उसे इस बात को कहते हुए गर्व हो रहा था कि हमें माफिया बनना है, लोगों की किडनी और लीवर निकालेंगे और बेचेंगे
आखिर संघ आपके खिलाफ क्यों हैं, जबकि आप संघ का ही एक हिस्सा हैं?
आप बीजेपी सरकार पर, सीएम शिवराज सिंह चौहान पर लगातार हमले कर रहे हैं, तो उन लोगों (आरएसएस) का क्या रवैया होगा, आपके साथ?
आरएसएस में जो अभी संघ के नेतृत्व को दिशा दे रहे हैं या संघ को मार्गदर्शन दे रहे हैं वो कहीं न कहीं संघ के उद्देश्य से भटके हुए लोग हैं या संघ का कुछ तबका जो अपने आर्थिक लाभों के लिए ऐसे लोगों के यहां गिरवी पड़ा है जो भ्रष्टाचार कर सत्ता का संचालन कर रहे हैं. उसके तबके के लोगों ने मेरे काम से नाखुश हो कर मुझे अपमानित करने के लिए, मुझे प्रताड़ित करने के लिए संघ में मेरी एंट्री बंद की. संघ कार्यालय पर जब मैं पूजा के लिए गया तो मुझे जाने नहीं दिया गया, मेरे खिलाफ FIR दर्ज की गयी. ऐसे कई मामलों के तहत मुझे प्रताड़ित किया गया, परेशान किया गया.
व्हिसलब्लोअर के साथ काम करने से ‘कतराते’ हैं लोग?
आप बेरोजगार कहलाते हैं या खुद को कहते हैं तो फिर आप कोई नौकरी क्यों नहीं तलाशते अपने लिए? जब आप ही बेरोजगार हैं तो बाकियों के लिए कैसे कुछ कर पाएंगे?
कई जगहों पर मैंने कई बार रोजगार के लिए प्रयास किया. कई प्राइवेट कंपनी, कई न्यूज एजेंसी से भी बात की तो लोगों का जो विचार मेरे बारे में निकल कर आया कि, ‘तुम एक बहुत बड़े मामले से जुड़े हो उस मामले से जुड़े एक महत्वपूर्ण पक्ष हो तो तुम्हारे साथ आने में लोग कतराते हैं’
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