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WFI चुनाव: बृजभूषण सिंह अब नहीं होंगे 'बॉस', किनके बीच टक्कर, कैसे होता है चुनाव?

WFI Elections: बृजभूषण सिंह 2012 में री-इलेक्शन में पहली बार WFI अध्यक्ष बने थे.

धनंजय कुमार
न्यूज वीडियो
Published:
<div class="paragraphs"><p>WFI चुनाव: बृजभूषण सिंह अब नहीं होंगे 'बॉस', किनके बीच टक्कर, कैसे होता है चुनाव?</p></div>
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WFI चुनाव: बृजभूषण सिंह अब नहीं होंगे 'बॉस', किनके बीच टक्कर, कैसे होता है चुनाव?

(फोटो- PTI/द क्विंट)

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बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) का नाम पिछले कुछ महीनों में आप कई बार सुन चुके होंगे. ये भारतीय कुश्ति संघ (WFI Election) के अध्यक्ष हैं. इनके ऊपर यौन शोषण यानी सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगे हैं. पहलवान महीनों तक इनके खिलाफ सड़क पर बैठे रहें. 6 बड़े पहलवानों ने FIR भी दर्ज करवा दिया, लेकिन इन्होंने न तो आज तक अपना पद छोड़ा और न किसी ने इन्हें पद से हटाया, लेकिन अब इन्हें कुर्सी से हटना पड़ेगा. कब क्यों, कैसे और कौन इनकी जगह नया अध्यक्ष बन सकता है वो सब आज की खेलपंती में.

बृजभूषण सिंह को क्यों हटना पड़ रहा है?

दरअसल बृजभूषण सिंह का कार्यकाल खत्म हो गया है और सिर्फ उनका नहीं बल्कि उनके साथ बाकी सदस्यों का भी. अब 12 अगस्त को WFI का चुनाव होगा जिसमें नया अध्यक्ष चुना जाएगा. यानी एक बात कनफर्म है कि बृजभूषण सिंह अब अध्यक्ष नहीं होंगे.

लेकिन यहां आपके मन में एक सवाल आया होगा कि ये फिर से चुनाव लड़कर दोबारा अध्यक्ष क्यों नहीं बन जाते? तो हम आपके इस डाउट को भी क्लियर कर देते हैं.

स्पोर्ट्स कोड के हिसाब से कोई व्यक्ति 3 कार्यकाल यानी 12 साल से ज्यादा लगातार अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकता. WFI का एक कार्यकाल 4 साल का होता है.

बृजभूषण सिंह 2012 में री-इलेक्शन में पहली बार WFI अध्यक्ष बने थे इसके बाद 2015 और 2019 में भी वो अध्यक्ष का चुनाव जीतते रहे. लेकिन अब वे इसके लिए एलिजिबल नहीं हैं. अगर फिर से उन्हें अध्यक्ष का चुनाव लड़ना है तो 4 साल का गैप लेना होगा, जिसे कूलिंग ऑफ पीरियड कहते हैं. यही कारण है कि बृजभूषण चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

इसके अलावा जब पहलवानों ने प्रदर्शन किया था तब खेल मंत्रालय में भी पहलवानों को भरोसा दिलाया था कि बृजभूषण या उनके परिवार का कोई भी सदस्य इस बार WFI चुनावों में खड़ा नहीं होगा.

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अध्यक्ष पद के चुनाव में कौन किस खेमे से?

इस सवाल से कहानी थोड़ी दिलचस्प हो जाती है. 12 अगस्त को होने वाले चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में हैं. एक हैं संजय कुमार सिंह जो बृजभूषण सिंह के खास हैं और दूसरा नाम है- अनीता श्योराण. अनीता इस पूरे इलेक्शन में अकेली महिला उम्मीदवार हैं. अनीता 2010 कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं, वर्तमान में हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर हैं और बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण मामले में गवाह भी हैं.

इलेक्शन प्रोसेस क्या हैं?

12 अगस्त को भारतीय ओलंपिक संघ की बिल्डिंग में WFI का चुनाव होगा. इसमें 1 अध्यक्ष, 1 वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 4-उपाध्यक्ष, 1-महासचिव, 1-कोषाध्यक्ष, 2-संयुक्त सचिव और 5-कार्यकारी सदस्य यानी कुल 15 पदों के लिए चुनाव होंगे और इसके लिए 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसमें बृजभूषण सिंह के गुट ने सभी 15 पदों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

कई पदों पर मुकबला दिलचस्प होने वाला है. अध्यक्ष के लिए संजय कुमार सिंह और अनीता श्योराण आमने सामने हैं. वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर बृजभूषण ग्रुप से ID नानावती और अनीता ग्रुप से देवेंद्र कादियान हैं.

महासचिव के पद पर बृजभूषण ग्रुप से दर्शन लाल हैं तो अनीता ग्रुप से प्रेम चंद लोचब हैं. कोषाध्यक्ष पद पर बृजभूषण ग्रुप से सत्यपाल सिंह देशवल हैं तो दूसरी तरफ से दुश्यंत शर्मा हैं. अध्यक्ष पद के लिए भी पांच नाम हैं जिनमें से आसित कुमार साहा, जय प्रकाश और एन फोनी बृजभूषण ग्रुप से हैं.

WFI चुनावों में वोट कौन करता है?

WFI के चुनावों में राज्य और यूनियन टेरेटरी के फेडरेशन अपने-अपने प्रतिनिधी भेजते हैं. इस बार के चुनाव में 25 राज्य संघ अपने वोट डालेंगे. हर एक संघ के 2 सदस्य वोट करते हैं यानी कुल 50 लोग वोट करेंगे.

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