साड्डा हक: क्या होती है त्रिशंकु लोकसभा? 

हंग पार्लियामेंट की स्थिति में क्या होता है जानिए...

एंथनी रोजारियो
न्यूज वीडियो
Published:
(फोटो: क्विंट हिंदी)
i
null
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान

'हंग पार्लियामेंट' या ‘त्रिशंकु लोकसभा’ का मतलब होता है जब पार्लियामेंट में किसी भी पार्टी या फिर कोई भी चुनाव के पहले बने गठबंधन, जैसे UPA और NDA के पास बहुमत यानी 50% से ज्यादा सीट नहीं होती है तो उसे हंग पार्लियामेंट या त्रिशंकु लोकसभा कहा जाता है, ‘हंग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस स्थिति में किसी भी एक पार्टी या चुनाव पूर्व गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए जो 272 का जादुई आंकड़ा होता है वो नहीं होता.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

ऐसी स्थिति में इसका हल भारत के राष्ट्रपति के पास है. जब ये साफ हो जाता है कि किसी भी पार्टी या चुनाव से पहले बने गठबंधन के पास बहुमत नहीं है तो राष्ट्रपति ये विकल्प ले सकते हैं.

  • राष्ट्रपति, सरकार बनाने के लिए सबसे बड़े चुनाव पूर्व हुए गठबंधन को बुला सकते हैं
  • सरकार बनाने के लिए सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के नेता को बुला सकते हैं
  • अगर ये भी नहीं होता है तो चुनाव के बाद बने गठबंधन के नेता को बुला सकते हैं

अगर राष्ट्रपति को लगता है कि पार्टी या गठबंधन के पास स्थिर सरकार बनाने के लिए ठीक नंबर हैं, तो नए चुनाव से बचा जा सकता है लेकिन अगर राष्ट्रपति के पास सारे विकल्प खत्म हो जाते हैं. और फिर भी कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाती है, ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है और सस्पेंडेड एनिमेशन में डाला जा सकता है. राष्ट्रपति शासनकाल 6 महीने तक चल सकता है इस दौरान किसी भी एक पार्टी या गठबंधन को अपने नंबर को फिर से प्रूफ करने के लिए और एक स्थिर सरकार बनाने के लिए दूसरा मौका मिल सकता है.

लेकिन अगर 6 महीने बीत जाते हैं और कोई भी सरकार नहीं बना पाता है तो राष्ट्रपति को मजबूरी में संसद भंग करनी पड़ती है और नए चुनाव की घोषणा होती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT