Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राज्यसभा सीट तो मिल गई लेकिन BJP की भीड़ में खो ना जाएं सिंधिया 

राज्यसभा सीट तो मिल गई लेकिन BJP की भीड़ में खो ना जाएं सिंधिया 

BJP में तो आ गए सिंधिया लेकिन नया रोल क्या होगा?

संजय पुगलिया
न्यूज वीडियो
Published:
BJP में तो आ गए सिंधिया लेकिन नया रोल क्या होगा?
i
BJP में तो आ गए सिंधिया लेकिन नया रोल क्या होगा?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. अब हिसाब ये लगाया जाए कि उनको वहां क्या मिलेगा. अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं तब तो कहा जाएगा कि उन्होंने ऐसा गेम खेला जिसमें वो कामयाब हो गए और कुछ विधायक अपने साथ लाने के कारण उनको मुख्यमंत्री बना दिया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अब ऐसा इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि बीजेपी ने उनको राज्यसभा की उम्मीदवारी दे दी है यानी वो राज्यसभा जाएंगे और एक केंद्रीय मंत्री बन जाएंगे. मंत्रिमंडल में उनको कैबिनेट का दर्जा मिल सकता है. लेकिन अगर मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो ऐसे में राज्य की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका क्या होगी. अभी तक जो बात चल रही थी वो यही थी. सारा झगड़ा इसी बात का था कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह उनको मध्य प्रदेश की राजनीति में वो जगह नहीं दे रहे हैं, जिसके ज्योतिरादित्य काबिल हैं.

जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस लीडरशिप से बात करने की कोशिश की तो वहां उन्हें जो भी जवाब मिला और जाहिर है कि निराशाजनक ही मिला, उसी का नतीजा है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला लिया.

कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा जाता है कि 18 साल में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 8 प्रमोशन दिए हैं. पार्टी में उनका बहुत सम्मान किया गया. सिंधिया बहुत मेहनत करते हैं और इसकी वजह से उन्हें बहुत कुछ मिला. लोकसभा में डिप्टी लीडर बनकर आए थे और पार्टी में महासचिव बनाए गए थे. तो उनकी जो शिकायत है कि पार्टी में वो जो डिजर्व करते हैं वो नहीं मिला, ये कहना गलत है.

ऐसा लगता है कि सिंधिया को ये लग रहा था कि कांग्रेस अब विपक्ष में ही रहने वाली है और राष्ट्रीय राजनीति में उनका रोल नहीं बढ़ रहा या मुख्यमंत्री नहीं बन पा रहे और बीजेपी में जाने का फैसला कर लिया. लेकिन बीजेपी जिन बाहर के लोगों को पार्टी में लेती है, उसका पूरा स्पष्ट मॉडल है. जिस तरीके से वो काम करती है इसे समझ लें-

जैसे असम में हेमंत बिस्वा सरमा को जो जगह मिली या TMC से आने वाले को जो पोजीशन मिलेगी, वहां जहां पार्टी के पास ढांचा ही नहीं है. उस जगह पर नेताओं को ज्यादा रोल मिल सकता है. लेकिन जिस मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय, प्रभात झा, नरोत्तम मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं, वहां ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या पोजीशन मिलेगी. क्या वो अपनी जगह खोज पाएंगे. ऐसी पोजीशन जहां से वो राज्य की राजनीति में असरदार दखल रख सकें. क्या सिंधिया बीजेपी में नई पारी में रहते हुए प्रदेश की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज करा पाएंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT