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दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के तीन साल बाद, उसकी मां फातिमा नफीस अब गृह मंत्रालय से जवाब मांग रही हैं.
मंगलवार को दोपहर 3 बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (UAH) की ओर से प्रोटेस्ट मार्च का आयोजन किया गया. इस ग्रुप में वकील और एक्टिविस्ट शामिल हैं.
मार्च में एकजुटता का प्रदर्शन करने वाले पीड़ितों के परिजनों की ओर इशारा करते हुए, नजीब की मां ने कहा, “यह देश कहां जा रहा है? यह हमारे भारत जैसा नहीं लगता है. 2014 के बाद जिस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं, हमें उनपर शर्म आनी चाहिए. स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए ताकि हमारे पास पीड़ितों के ज्यादा परिवार न हों.”
यह पूछे जाने पर कि अगर नजीब वापस आ जाए, तो वो नजीब से क्या कहेगी, फातिमा नफीस ने द क्विंट से कहा, “मैं कहूंगी कि यह मेरे सभी बच्चों, यूनिवर्सिटी के सभी छात्रों की जीत है, जो आज मेरे साथ खड़े हैं. मैं अपनी नमाज पढूंगी, प्रार्थना करूंगी और खुदा को शुक्रिया कहूंगी. मैं उसे गले लगाउंगी और उसे उन सभी लोगों के बारे में बताउंगी, जो आज मेरे साथ खड़े हैं.”
मॉब लिंचिंग पीड़ित तबरेज अंसारी की पत्नी शाहिस्ता परवीन, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी और गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश भी मार्च में शामिल हुईं.
द क्विंट से बात करते हुए, कविता लंकेश ने सरकार से उन लोगों को सजा देने की मांग की, जो "मंचों पर खड़े हैं, और नफरत और विभाजन फैला रहे हैं.”
जेएनयू में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रों के साथ हुई झड़प के बाद से लापता हैं और अब तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है. उनकी मां फातिमा नफीस का मानना है कि उनके बेटे को गायब करने के पीछे बीजेपी से संबंधित छात्र संगठन एबीवीपी का हाथ है. नजीब के लापता होने के दो साल बाद सीबीआई ने अक्टूबर 2018 में इस मामले में अपनी जांच को बंद कर दिया था, क्योंकि एजेंसी की जांच और कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, हालांकि, CBI ने 15 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपनी क्लोजर रिपोर्ट फाइल में कहा कि सभी एंगल से मामले की जांच के बावजूद किसी तरह की गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला था.
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