जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से गायब छात्र नजीब के मामले में दिल्ली की अदालत ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वो इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज की कॉपी दो हफ्ते के अंदर उपलब्ध कराए. साथ ही मामले में जांच करने वाले अधिकारियों को 7 मई को निजी तौर पर पेश होने के लिए कहा गया है. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेज ने सीबीआई से कहा कि वह नजीब की मां को इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दे या इन्हें इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में मुहैया कराए.
नजीब की मां फातिमा ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर की थी. इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने यह आदेश दिया. नजीब अहमद की मां की ओर केस लड़ रहे वकील ने अदालत में ये दलील दी कि उन्हें गवाहों के बयान मुहैया नहीं कराए गए. नजीब की मां फातिमा खराब स्वास्थ्य की वजह से सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो सकीं.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दस्तावेजों में फोन कॉल रिकॉर्ड, गवाहों के बयान और अन्य दस्तावेज शामिल हैं. सीबीआई पहले इन दस्तावेजों को फातिमा नफीस को मुहैया कराने से इनकार कर चुकी है. 28 मार्च को सीबीआई ने कहा था कि इन दस्तावेजों को मुहैया कराने का कानून में कोई प्रावधान नहीं है.
क्या है ये मामला?
बता दें कि जेएनयू में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के साथ हुई झड़प के बाद से लापता हैं और अब तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है.
फातिमा नफीस का मानना है कि उनके बेटे को गायब करने के पीछे बीजेपी के संबंधित छात्र संगठन एबीवीपी का हाथ है. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, हालांकि, CBI ने 15 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अपनी क्लोजर रिपोर्ट फाइल में कहा कि सभी एंगल से मामले की जांच के बावजूद किसी तरह की गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला था.
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