Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019VIDEO | स्मृति जी, पीएम मोदी ने तो आपका फरमान ही ‘फेक’ कर दिया

VIDEO | स्मृति जी, पीएम मोदी ने तो आपका फरमान ही ‘फेक’ कर दिया

फेक न्यूज तो मंत्री और सरकारी महकमे भी खूब फैलाते हैं. उनका क्या?

नीरज गुप्ता
वीडियो
Updated:
फेक न्यूज के मुद्दे पर पत्रकारों का PIB कार्ड रद्द करने के आदेश का जमकर विरोध हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदेश खारिज कर दिया.
i
फेक न्यूज के मुद्दे पर पत्रकारों का PIB कार्ड रद्द करने के आदेश का जमकर विरोध हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदेश खारिज कर दिया.
(फोटो: हर्ष साहनी/ द क्विंट)

advertisement

कैमरा: अथर राथर

वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता और मो. इरशाद आलम

सुनो सुनो सुनो... अपनी कलम को तलवार, कैमरे को तोप और की-बोर्ड को मिसाइल का बटन समझने वाले पत्रकारों सुनो.

कथा जोर गरम है कि फेक न्यूज के इस जमाने में आपकी पीआईबी मान्यता खतरे में हैं. मान्यता यानी प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो का वो कार्ड जिसके जरिये सरकार आपके पत्रकार होने पर मोहर लगाती है. बोले तो- पत्रकारिता का आधार कार्ड.

सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने फरमान जारी किया कि अगर कोई पत्रकार फेक न्यूज यानी झूठी खबर बनाने या फैलाने में लिप्त पाया गया तो उसकी मान्यता सस्पेंड या फिर हमेशा के लिए रद्द कर दी जाएगी.

फेक न्यूज की परिभाषा और पहचान की जिम्मेदारी भारतीय प्रेस परिषद यानी PCI और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन यानी NBA पर होगी. खबर अखबार की है तो PCI और टीवी की है तो NBA.

किसी पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज होने पर उसकी मान्यता तब तक सस्पेंड कर दी जाएगी जब तक प्रेस काउंसिल और NBA, फेक न्यूज की पहचान नहीं करते. यानी ये तय नहीं करते कि वो खबर झूठी है या नहीं. PCI और NBA को ये पहचान 15 दिन के भीतर कर लेनी होगी. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के नोटिस के मुताबिक

फेक न्यूज की शिकायत सही पाई जाने पर पत्रकार का पीआईबी कार्ड 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा. दूसरी गलती पर एक साल के लिए और तीसरी गलती पर कार्ड हमेशा के लिए रद्द कर दिया जाएगा.

लेकिन सरकार के मंत्री और महकमे जो फेक न्यूज फैलाते हैं उनके खिलाफ सजा कौन तय करेगा.

उनकी सजा हम तय करेंगे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जरा इस तस्वीर पर नजर डालिए

दिसंबर 2015 में चेन्नई बाढ़ का जायजा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झूठी तस्वीर.(फोटो: ट्विटर)

दिसंबर 2015 में चेन्नई में आई बाढ़ का जायजा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये तस्वीर उसी पीआईबी ने जारी की थी जो पत्रकारों को मान्यता के कार्ड देता है. तस्वीर झूठी थी.

असल तस्वीर ये थी-

दिसंबर 2015 में चेन्नई बाढ़ का जायजा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असल तस्वीर.(फोटो: ट्विटर)

भारी किरकिरी के बाद पीआईबी ने झूठी तस्वीर हटा ली.

तो इस गलती पर पीआईबी को सजा ये दी जाती है कि वो किसी मीडिया स्कूल में जाए और कम्यूनिकेशन का तीन महीने क्रेश कोर्स करे.

हमारे विज्ञान और तकनीकि मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हाल में दावा किया कि महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग भारतीय वेदों को अल्बर्ट आइंस्टाइन की महान थ्योरी E=mc2 से बेहतर मानते थे.

इस दावे का कोई सबूत नहीं पाया जाता. तो डॉक्टर साहब इस फेक न्यूज के लिए सजा ये कि

15 दिन तक आपके नाम के आगे डॉक्टर नहीं ‘झोला झाप डॉक्टर’ लिखा जाएगा.

दिसंबर 2017 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में मेजर प्रफुल्ल का एक वीडियो वायरल हुआ.

विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने वो वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर दिया. बाद में पता लगा कि वीडियो सात साल पुराना है.

मेजर प्रफुल्ल के वीडियो पर केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह का फेसबुक पोस्ट.(फोटो :  फेसबुक)

तो इस फेक न्यूज को सर्कुलेट करने के लिए जनरल साहब आपकी सजा ये कि

आप विदेश भले ही जाते रहें लेकिन अगले 30 दिन तक आप पर अपने चुनाव क्षेत्र गाजियाबाद में घुसने पर रोक लगाई जाती है.

जनवरी 2017 में राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने बयान दिया था कि गाय अकेला जानवर है जो ऑक्सीजन ही ग्रहण करती है और ऑक्सीजन ही छोड़ती है.

देवनानी साहब इस फेक न्यूज के लिए आपको सजा दी जाती है कि

अगले 15 दिन तक आप उसी ऑक्सीजन का सेवन करेंगे जो गाय माता छोड़ती है.

प्रेस काउंसिल और एनबीए की तरह नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में एक फेक न्यूज सेल बनेगा.

लेकिन जब तक हमारी ये सजाएं लागू हो पाती, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मृति ईरानी के फैसले को पलट दिया. पीएम ऑफिस से जारी आदेश में कहा गया है:

फेक न्यूज के मामले में कोई भी फैसला लेने का हक प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पास ही रहना चाहिए, मंत्रालय की उसमें कोई दखलंदाजी नहीं होगी.

यानी स्मृति जी का तो फरमान ही फेक हो गया.

ये भी पढ़ें: फेक न्यूज मामलाः PM मोदी का आदेश, स्मृति ईरानी का फैसला वापस

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 04 Apr 2018,11:55 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT