Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019JNU की एंटी नेशनल कहानी में कहां खो गया है सरकार का प्लॉट? 

JNU की एंटी नेशनल कहानी में कहां खो गया है सरकार का प्लॉट? 

कन्हैया कुमार, उमर खालिद पर 9 फरवरी 2016 को JNU के अंदर देश विरोधी नारे लगाने का लगा था आरोप

मेघनाद बोस
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(फोटो: The Quint)
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(फोटो: The Quint)

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बीते करीब ढाई साल से कन्हैया कुमार, उमर खालिद और कुछ दूसरे जेएनयू स्टूडेंट्स पर देशद्रोही और टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसे लेबल चिपका दिए गए. क्यों? क्योंकि उन पर आरोप था कि उन्होंने 9 फरवरी 2016 को JNU के अंदर देश विरोधी नारे लगाए. लेकिन इन आरोपों में कितना सच है और आखिर ये सारा किस्सा अब तक खत्म क्यों नहीं हुआ?

दिल्ली पुलिस से मेरा एक सवाल है.

इस घटना के 6 दिन बाद, तब के दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने जोर देकर कहा कि कन्हैया कुमार ने कैंपस में देश विरोधी नारे लगाए.

"Yes, he raised anti-national slogans", बस्सी को कई जगह ये कहते कोट किया गया. क्यों और कैसे कमिश्नर साहब ने जांच खत्म होने से पहले ही आखिरी फैसला सुना दिया?

9 फरवरी 2016 की इस घटना को आज पूरे 2 साल और 6 महीने हो चुके हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस अब तक चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह के लिए मेरा एक सवाल है

13 फरवरी 2016 को, दिल्ली पुलिस आतंकी हाफिज सईद के एक पैरोडी अकाउंट में फंस गई और एक ट्वीट के दम पर JNU students और हाफिज के बीच लिंक का दावा कर दिया. अगले दिन ही राजनाथ ने ये बात दोहराई. उन्होंने कहा, "JNU की घटना को हाफिज सईद का समर्थन मिला है और ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है"

क्या राजनाथ सिंह ये बयान उस पैरोडी अकाउंट के ट्वीट के आधार पर दे रहे थे?

अगर JNU students और लश्कर-ए-तैयबा के बीच वाकई किसी लिंक का इनपुट था तो कोई कड़ा कदम क्यों नहीं उठाया गया? कोई official investigation शुरू क्यों नहीं हुआ? क्योंकि अगर राजनाथ सिंह का दावा सच है तो ये देश के लिए बड़ा खतरा है. Right? तो होम मिनिस्टर खुद के दावे को ही सीरियसली क्यों नहीं ले रहे और उस पर एक्शन क्यों नहीं ले रहे?

JNU की घटना से जुड़े वीडियो को लेकर भी मेरा एक सवाल है

फॉरेंसिक जांच में सामने आया कि बीजेपी नेताओं ने आरोपी JNU छात्रों के खिलाफ जो सात वीडियो क्लिप दी थीं, उनमें से दो क्लिप डॉक्टर्ड थीं. फुटेज को एडिट करके उसमें आवाजें डाली गईं.

(फाइल फोटो: PTI)

दिल्ली पुलिस ने इन फर्जी वीडियो बनाने वालों के खिलाफ क्या एक्शन लिया? क्योंकि किसी को फंसाने के लिए ऐसे डॉक्टर्ड वीडियो बनाना और उन्हें फैलाना भी क्राइम है. दिल्ली पुलिस IPC के पन्ने पलट सकती है.

JNU स्टोरी को ब्रेक करने वाले जी न्यूज ने स्टूडेंट्स की नारेबाजी का एक वीडियो चलाया था जिसमें टेक्स्ट कैप्शन लिखा आता है - पाकिस्तान जिंदाबाद.

लेकिन चैनल के ही एक प्रोड्यूसर ने इस घटना के बाद इस्तीफा दे दिया.

विश्व दीपक ने ऑन एयर जाने से पहले इस फुटेज को देखा था. उन्होंने कहा कि वीडियो साफ नहीं था. नारेबाजी की आवाजें तो थीं पर कुछ साफ सुनाई नहीं दे रहा था.

वो क्लिप दूसरे साथियों को भी दिखाई गई लेकिन किसी को भी उसके शब्द ठीक से सुनाई नहीं दे रहे थे. विश्वदीपक ने कहा, "हमारे एडिटर्स आए और कहा कि ये बड़ी स्टोरी है और पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा सुना जा सकता है. क्योंकि ऑडियो क्लियर नहीं था तो हमने एक बबल लगाया जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा था ताकि हमारे दर्शक समझ सकें जो हमें लगा कि बोला जा रहा था.

आप ये लाइन नोट करिए- हमें लगा कि बोला जा रहा था.

जी न्यूज ने एक ऐसे वीडियो के आधार पर JNU स्टूडेंट्स को टारगेट क्यों किया जिसमें ऑडियो ही क्लियर नहीं था? क्योंकि वो सो कॉल्ड न्यूज हजारों लाखों दर्शक अंतिम सत्य मानकर देख रहे थे.

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