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बिजली बिल का भुगतान न होने की वजह से बिजली का कनेक्शन काट दिया जाना कोई नई बात नहीं है. पर भुगतान किये बिना ही बिजली दोबारा जुड़ जाना थोड़ा चौंकाता तो जरूर है. दरअसल बिजली काटने और दोबारा जोड़ने की यह छोटी सी घटना छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस घटना के साथ राहुल गांधी का नाम जुड़ा हुआ है.
क्या है पूरा मामला? - पूरा मामला यह है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासियों की आवाज उठाने वाली आदिवासी सामाजिक कार्यकर्त्ता सोनी सोरी के घर की बिजली के बिल का भुगतान न होने की वजह से एक महीने पहले काट दिया गया था. एक महीने से सोनी सोरी और उनकी सुरक्षा में तैनात जवान दंतेवाड़ा के गीदम स्थित उनके घर पर अंधेरे में ही रह रहे थे.
इस बीच 8 जनवरी को राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे, जहां एक पत्रकार ने राहुल गांधी से सवाल किया कि देश में जब डर का माहौल है तो छत्तीसगढ़ की क्या स्थिति है क्योंकि वहां तो कांग्रेस की सरकार है बावजूद इसके बस्तर में सामाजिक कार्यकर्त्ता सोनी सोरी के घर की बिजली काट दी जा रही है. हालांकि राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कोई सार्थक जवाब नहीं दिया पर रविवार की देर रात ही बिजली विभाग द्वारा आनन फानन में उनके घर की बिजली जोड़ दी गई.
एक महीने तक अंधेरे में रहने के बाद अचानक दोबारा बिजली जोड़ने के बाद अब सोनी सोरी का कहना है कि
इस सम्बन्ध में जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार से जब सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि सोनी सोरी को सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया करवाई गई है और बिजली काट दिए जाने के बाद से वे और सुरक्षा में तैनात जवान अंधेरे में रह रहे थे. ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारीयों को निर्देशित किया था कि अंतिम नोटिश देते हुए उनके घर की बिजली बहाल कर दी जाये.
सोनी सोरी बस्तर की एक आदिवासी महिला हैं, जो किसी समय में दंतेवाड़ा के शासकीय आश्रम जबेली में अधीक्षिका के पद पर नौकरी करती थीं. 2011 में सोनी सोरी पर नक्सलियों तक पैसा पहुंचाने का आरोप लगा और उनकी गिरफ्तारी भी हुई. सोनी सोरी पूरे देश में चर्चा का विषय बनीं जब उन्होंने पुलिस पर उनके गुप्तांगों में पत्थर डालकर प्रताड़ना का आरोप लगाया. लगभग ढाई वर्ष तक जेल में रहने के बाद जब वो जेल से बाहर आईं तब से आज तक बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रही हैं. 2022 में न्यायालय ने उन्हें उनपर लगे आरोपों से पूरी तरह दोषमुक्त कर दिया है. सोनी सोरी 2014 में दक्षिण बस्तर से आप पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी भी रह चुकी हैं. वहीं 2016 में उनपर हुए एसिड अटैक को भी पूरे देश में खूब चर्चा मिली थी.
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