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प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी (PM Narendra Modi) राजस्थान में विधानसभा चुनाव के 9 महीने पहले ही चुनावी मूड में नजर आए. रविवार को दौसा के धनावड़ में जनसभा में मोदी ने कहा कि राजस्थान को अब ऐसी अस्थिर सरकार और अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए, तभी कानून का राज स्थापित हो पाएगा और यह तेज विकास के रास्ते पर चल पाएगा. राज्य की कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि उसे पास कोई 'विजन' नहीं है और न ही बातों में कोई वजन है.
पीएम ने आगे कहा कि बीते पांच साल में अगर राजस्थान में डबल इंजन की पावर लगी होती तो यहां का विकास कितना तेज हो जाता ?
इससे पहले प्रधानमंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित किया. साथ 5940 करोड़ से भी अधिक की लागत से विकसित होने वाली 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल जुड़े वे कार्यक्रम स्थल पर नहीं गए. गहलोत ने कार्यक्रम का बीजेपीकरण करने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम से दूरी बना ली थी.
पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान में पानी की चुनौती का समाधान केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है और पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में भी पेयजल और सिंचाई सुविधा का विस्तार करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.
मोदी ने कांग्रेस पर देश के सैनिकों के शौर्य को कम करके आंकने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों ने इस डर से सीमावर्ती इलाकों में विकास नहीं करवाया कि कहीं उनकी बनाई नई सड़कों का इस्तेमाल दुश्मन न कर ले, लेकिन कांग्रेस को यह पता नहीं था कि सीमा पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना हमारी सेनाओं को बखूबी आता है. इसलिए अब बीजेपी सरकार सीमावर्ती जिलों में सीमा के पास बने गांवों में भी विकास के कामों में तेजी ला रही है. ’प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें सीमा से जुड़े गांवों और शहरों का इसलिये विकास नहीं करती थी, क्योंकि वो डरती थीं और यह संसद में उन्होंने बोला है. मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस क्यों हमेशा हमारे सैनिकों का शौर्य उनकी बहादुरी को कम करके आंकती रही?
लोकापर्ण समारोह में वर्चुअल जुड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग उठाई गहलोत ने कहा कि राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बेहद जरूरी है.
राज्य सरकार अपने संसाधनों से पूर्वी ईआरसीपी के कार्य को आगे बढ़ा रही है. गहलोत ने इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए भी मामले में तीखे तेवर दिखाए. उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा अपने आश्वासन को पूरा करने का अच्छा मौका रविवार को गंवा दिया. आप पिछले विधानसभा चुनाव से पहले किए गए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के आश्वासन को पूरा करते तो प्रदेश की जनता स्वागत करती.
जनसभा में पीएम मोदी ने प्रदेश के बजट में पुराने पेज लगाने के मामले में तंज कसा, उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कार्यकर्ता था और दौरे पर रहता था. एक बार एक सज्जन ने भोजन के लिए पूछा. मैंने कहा कि अभी नहीं खाया है, तो उन्होंने कहा कि चलो एक शादी में चलना है, वहीं भोजन करेंगे. जब हम उस गांव में गए तो पता चला कि शादी तो एक साल पहले हो चुकी थी और मेरे साथी के हाथ में सालभर पुराना कार्ड हाथ लग गया था. हालांकि इसका राजस्थान से कोई लेना-देना नहीं है.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लिये बजट और घोषणाएं होती ही कागजों में लिखने के लिए है. योजनाओं और कार्यक्रमों को जमीन पर लागू करने का कांग्रेस का कोई इरादा नहीं होता. मोदी ने कहा कि आज मैं राजस्थान में डबल इंजन सरकार के लिये उत्साह देख रहा हूं. चारों तरफ वो ही मुझे नजर आ रहा है. यहां दौसा में भी यह उत्साह साफ साफ दिख रहा है.
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