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जिस चीज ने शशि कपूर को खास बनाई वो थी उनकी बॉलीवुड फिल्में. उनकी अदाकारी बेमिसाल दिखती थी. वो आम तौर पर हर तरह की फिल्में करते थे, लेकिन असल में उनका दिल हमेशा पैरेलल सिनेमा के साथ रहता था.
अभिनय से इतर बेहतर सिनेमा को लेकर अपना जुनून शशि कपूर ने कई बेहतरीन फिल्में बनाकर दिखाई और कायम रखा. एक्टर के तौर पर पहचाने जाने वाले शशि कपूर बेहतर प्रोड्यूसर भी थे.
1979 में शशि कपूर ने जुनून फिल्म के साथ प्रोड्यूसर के तौर पर डेब्यू किया. उन्होंने रस्किन बॉण्ड की 1857 के विद्रोह पर लिखे गए ए फ्लाइट ऑफ पिजन्स पर आधारित एक फिल्म बनाई. श्याम बेनेगल ने इसे डायरेक्ट किया था. इस फिल्म ने 3 नेशनल अवाॅर्ड और 6 फिल्मफेयर अवाॅर्ड जीता.
शशि कपूर ने 1981 में दो फिल्में, 36 चौरंगी लेन और कलयुग प्रोड्यूस किया. अपर्णा सेन ने 36 चौरंगी लेन के साथ एक डायरेक्टर के तौर पर अपनी पहली फिल्म बनाई. इसमें कपूर की पत्नी जेनिफर केंडल का काफी प्रेमपूर्ण चित्रण था. इस फिल्म ने 3 नेशनल अवॉर्ड्स और कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान हासिल किए.
श्याम बेनेगल की डायरेक्ट की गई फिल्म कल्याण, आधुनिक समय में कारोबार में प्रतिद्वंद्विता दिखाती महाभारत जैसी पुनर्रचना थी. इसने बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता.
एक युवा हो रहा लड़का जो एक फाइटर पायलट बनना चाहता है उसकी कहानी थी विजेता. ये शशि कपूर की प्रोड्यूस की गई फिल्म थी, जिसमें उनके बेटे कुणाल कपूर, रेखा और खुद कपूर ने अभिनय किया. गोविंद निहलानी ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया था और इसने 3 फिल्मफेयर अवाॅर्ड जीते थे.
कपूर के ही प्रोडक्शन में 1984 में रिलीज हुई फिल्म मृचकटिका में रेखा ने अभिनय किया था. इस फिल्म ने भी 1 नेशनल अवाॅर्ड और 2 फिल्मफेयर अवाॅर्ड जीता.
कपूर ने अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर को लेकर एक फंतासी फिल्म अजूबा बनाई. बड़ी बजट की ये फिल्म रूस के साथ मिलकर तैयार की गई थी. हालांकि, अजूबा बॉक्स ऑफिस पर गिर पड़ी और कहते हैं कि इस फिल्म ने शशि कपूर को तबाह कर दिया. ये आखिरी फिल्म थी जिसके बाद उन्होंने आगे कोई फिल्म नहीं बनाई.
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