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जिंदादिल शशि कपूर के साथ वो मुलाकात...

जो काम कभी राजकपूर नहीं कर पाए वो शशि कपूर ने ऐसे कर लिया.

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शशिकपूर जिंदादिल शख्सियत के मालिक थे. वो लंबे वक्त से बीमार थे लेकिन फिर भी उन्हें किसी भी बात की निराशा नहीं थी. वो हमेशा नया करने की कोशिश करते थे. कहा जाता है जब जब फूल खिले की जबरदस्त सफलता के बाद उनके प्रशंसकों की तादाद में भारी बढ़ोतरी हुई थी. खासतौर पर महिलाओं के बीच वो बहुत लोकप्रिय हो गए थे.

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शशिकपूर सही मायने में अंतरराष्ट्रीय स्टार थे लेकिन उनके कोई नखरे नहीं थे. मशहूर एक्टर पृथ्वीराज कपूर के तीसरे और सबसे छोटे बेटे शशिकपूर ने फिल्म से जुड़ी हर विधा में काम किया. एक्टर, फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर.

अपनी पत्नी जेनिफर की मौत के बाद शशिकपूर रिटायरमेंट मोड में आ गए थे. उनका ज्यादातर वक्त मुंबई के मालाबार हिल्स में पोते पोतियों के साथ बीतता था. इसके बाद वो पृथ्वी थिएटर के सामने एक बहुमंजिली बिल्डिंग में शिफ्ट हो गए. शशिकपूर मुंबई को दिल से चाहते थे. वो मुंबई के बारे में घंटों बतिया सकते थे. शायद यही वजह थी कि उन्हें जेम्स आइवरी की बॉम्बे टॉकीज उनकी पसंदीदा फिल्मों में एक थी. भतीजे ऋषिकपूर की किताब खुल्लम खुल्ला के रिलीज के वक्त इस साल मार्च में मशहूर फिल्म क्रिटिक खालिद मोहम्मद ने शशि कपूर से बात की थी. पढ़िए उस इंटरव्यू के खास हिस्से जिसमें शशि कपूर ने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई खास बातें बताईं.

खालिद मोहम्मद: मुंबई को आप बहुत पसंद करते हैं इसलिए फिल्म बॉम्बे टॉकीज की शूटिंग के बारे में बताइए?

माना जाता है कि यह एकमात्र फिल्म थी जो मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया के सामने स्थित पुराने ताजमहल होटल में शूट की गई थी. हमने इस फिल्म की शूटिंग फरवरी मार्च 1970 में की थी. इसके पहले कई बड़े प्रोड्यूसरों ने भी होटल में शूटिंग की मंजूरी मांगी थी, लेकिन नहीं मिली. इसमें मेरे बड़े भाई राजकपूर और बी आर चोपड़ा भी शामिल थे. मुझे बताया गया कि मेहबूब खान ने 1949 में अंदाज फिल्म की शूटिंग के लिए भी शूटिंग की मंजूरी मांगी थी. लेकिन पहली बार इस्माइल मर्चेंट ने इसमें शूटिंग की मंजूरी ली.

मुंबई ने आपकी लाइफ में किस तरह का असर डाला?

मुंबई ने ही शशिकपूर बनाया.मैं गेट वे ऑफ इंडिया को देख देखकर बड़ा हुआ. जब मैं छोटा था तो पापा सभी बच्चों को कार में माटुंगा से यहां लेकर आते थे. खासतौर पर स्वतंत्रता दिवस की लाइटिंग देखने हम जरूर आते थे. बाद में जेनिफर और मैं खुली कार में बैठकर गेटवे आते थे. हमने अपने बच्चों के साथ भी यही परंपरा जारी रखी.

वक्त के साथ मुंबई में आपको क्या बदलाव महसूस हुए?

ये शहर वाकई में ज्यादा नहीं बदला है. हालांकि समंदर में गंदगी जरूर बढ़ गई है. एक वक्त था जब जुहू बीच में तैर सकते थे. लेकिन आज अगर आपको जुहू में तैरना भी हो तो होटल के स्विमिंग पूल में ही ये कर पाएंगे. एक वक्त था जब दक्षिण मुंबई से अंधेरी तक ड्राइव करने में सिर्फ 20 मिनट लगते थे अब ये सोचना भी असंभव है. अब मुंबई में बहुत लोग है, शोर है, हल्ला है, ट्रैफिक है. मुझे लगता है दुनिया के किसी भी हिस्से में इस तरह के बदलाव स्वाभाविक हैं.

अगर आप युवा होते तो किस अभिनेत्री के साथ काम करना पसंद करते?

निश्चित तौर पर माधुरी दीक्षित के साथ क्योंकि वो श्रीदेवी और रेखा की तरह हर रोल करने में माहिर हैं.

(क्विंट के आर्काइव से. मूल रूप से शशि कपूर और खालिद मोहम्मद के बीच का इंटरव्यू 18 मार्च 2017 को क्विंट में पब्लिश हुआ था)

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