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कैमरा: अथर राथर
एडिटर: पुनीत भाटिया
इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर संजय दत्त की बायोपिक 'संजू' धमाल मचा रही है. वैसे बॉलीवुड की फिल्मों में संजू बाबा ने जिस तरह के दमदार किरदार निभाए हैं, उतने ही दमदार उनके कुछ डायलॉग्स भी रहे हैं. तो यही सोचकर हमने दिल्ली वालों को दिया #TheSanjuChallenge और उनसे बोलवाए संजय दत्त के कुछ यादगार डायलॉग्स. इस मजेदार वीडियो में देखिए, कि इस अनोखे चैलेंज में कौन हुआ पास, और कौन हुआ फेल...
संजय दत्त के जिन मशहूर डायलॉग्स को लोगों ने कैमरे के सामने बोलने के लिए चुना, उनमें से ये डायलॉग्स प्रमुख थे-
" तुम क्या लेकर आए थे...और क्या लेकर जाओगे?" (फिल्म: अग्निपथ)
"बॉडी में 206 टाइप का सिर्फ हड्डी है, तोड़ने के टाइम अपुन लोग सोचते थे क्या?" (फिल्म: मुन्नाभाई MBBS)
"तुम लोगों के भेजे में बात तो जाती नहीं है, सिर्फ गोली जाती है" (फिल्म: शूटआउट ऐट लोखंडवाला)
"सारा दिन तू भौंकेगा, या काटेगा भी?" (फिल्म: कांटे)
"शराफत की किताब में मुझे खलनायक कहते हैं" (फिल्म: खलनायक)
"असली है असली...पचास तोला, पचास तोला...कितना? पचास तोला !" (फिल्म: वास्तव)
"मुंबई पे राज करता हूं, राज" (फिल्म: वास्तव)
"तेरे कर्म ही नहीं रे, तेरी पूरी आत्मा ही सड़ेली है सड़ेली" (फिल्म: वास्तव)
"मेरा जुनून है सिर्फ मेरा मुल्क...मेरा हिन्दुस्तान" (फिल्म: कारतूस)
"गलत तरीके से सही काम करना मुझे आता है." (फिल्म: पुलिसगिरी)
"जिंदगी के हर नाटक में एक होता है नायक, और एक होता है खलनायक" (फिल्म: खलनायक)
"बचपन की पैंट जवानी में फिट नहीं होती, और हर नो-बॉल पे फ्री-हिट नहीं होती" (फिल्म: सन ऑफ सरदार)
अगर आपको लगता है कि आप भी इस चैलेंज को मंजूर करने का हौसला रखते हैं, और संजू बाबा का डायलॉग उन्हीं के अंदाज में बोल सकते हैं, तो देर किस बात की? उठाइए अपना स्मार्टफोन और झटपट बना डालिए एक वीडियो. फिर #TheSanjuChallenge के साथ पोस्ट कर दीजिए सोशल मीडिया पर. और इस अनोखे चैलेंजे को आगे जारी रखने के लिए अपने तीन दोस्तों को टैग करके नॉमिनेट करना न भूलिए.
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