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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का विधानसभा चुनाव बिल्कुल नजदीक है और कैराना में बीजेपी हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठा रही है. बीजेपी के लिए अमित शाह से लेकर योगी चुनाव प्रचार कर रहे हैं. कैराना में पलायन के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नाहिद हसन की बहन, इकरा हसन ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि साफ जाहिर है कि बीजेपी प्रेशर में है.
इकरा ने कहा कि उनका मुद्दा बिल्कुल खोखला है, 2017 में भी उनका यही मुद्दा था उसके बाद पांच सालों के लिए वो भूल गए. उनके मुताबिक 300 परिवार गए थे, तो ये लोग क्यों वापस नहीं ला पाए. हमारा कहना है कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है, कोई गया ही नहीं था यहां से...पलायन का मुद्दा झूठा है.
आपके भाई पर गुंडा एक्ट जैसे गंभीर आरोप हैं, वोटर्स को कैसे आप अपनी ओर लाएंगी?
हमें कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि हम ग्राउंड पर रहते हैं, पब्लिक के बीच में रहते हैं. पब्लिक सारी चीजें जानती है कि वो किस तरह के आदमी हैं, जनता जानती है कि मेरे भाई को फंसाया गया है.
कहा जा रहा है कि ये बेटी बनाम बहन वाला चुनाव हो गया है क्योंकि आपके सामने महिला कैंडिडेट हैं.
कोई भी कैंडिडेट हो फाइट तो होती ही है और अभी जो हमारे सामने उम्मीदवार हैं उनसे भी उसी तरह की फाइट है. उन्होंने कहा कि मैं ये कहना चाहती हूं कि बेटी तो मैं भी हूं यहां की...पहले मैं बेटी ही हूं, बहन तो बाद में हूं.
अगर हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह बेटी हैं और मैं भी बेटी हूं...कॉम्पटीशन है, लेकिन ठीक है.
क्या बीजेपी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार में कोई रिश्ता है?
हां, हम दोनों एक ही जाति से आते हैं, हम लोग मुस्लिम गुज्जर हैं और वो हिन्दू गुज्जर हैं. इस हिसाब से कुछ बुजुर्गों का कनेक्शन है.
कैराना में पलायन की सच्चाई क्या है?
ये एक खोखला मुद्दा है, पलायन नहीं हुआ है. कैराना में सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार का है. जैसा कहा गया था कि एक विशेष धर्म का पलायन हुआ है, वो बिल्कुल झूठ बात थी. कुछ चंद लोग कारोबार बढ़ने की वजह से बड़े शहर की ओर गए क्योंकि कैराना एक छोटा कस्बा है. जो परिवार अपना कारोबार बढ़ाने के लिए बाहर गए थे, ये लोग उन्हीं को लेकर आते हैं और प्रचार करते हैं.
क्या कैराना में अपराध हुआ है?
जितना क्राइम पूरे प्रदेश में है, उसी हिसाब से यहां भी है. कैराना में कोई अगल किस्म का प्रचंड क्राइम न तो था, न ही अब है.
जो व्यापारी वर्ग यहां से चले गए थे, आप लोग उनसे क्यों मुलाकात नहीं करते?
हमें पड़ताल करने पर जानकारी हासिल हुई कि एक-दो परिवार जो देहरादून की तरफ गए थे वो अपना कारोबार बढ़ने की वजह से गए थे. हमें जो जानकारी मिली उसके मुताबिक पलायन एक बेहतर इकनॉमिक अवसर के लिए था, उसमें कोई किसी को नहीं रोकेगा. अपराध के डर से पलायन नहीं हुआ था, इस मुद्दे को सेंट्रल एजेंसीज ने भी नकारा था. बीजेपी के कहने से क्या फर्क पड़ता है, वो तो बहुत सारी झूठी बातें कहते हैं.
अगर आपके भाई चुनाव जीतते हैं, तो सबसे पहले तीन काम क्या होंगे?
सबसे पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप्मेंट, रोजगार के अवसर और एजुकेशन के क्षेत्र में हम काम करना चाहेंगे.
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