advertisement
"हमारे भाई और चाचा को शस्त्र लाइसेंस दिया जाए वरना हम तीनों बहन मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह कर लेंगे."
ये 80 के दशक के किसी फिल्म का डायलॉग नहीं है. दरअसल ये तीन बहनों प्राची, नंदनी और दीक्षा की बांदा जिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री से लगाई गई गुहार है.
दरअसल उत्तरप्रदेश में पुलिस प्रशासन से जनता की मायूसी का ये एक और मामला सामने आया है. क्विंट ने इस मामले की पड़ताल करते हुए जानने की कोशिश की कि आखिर तीनों बहनें बांदा प्रशासन से शस्त्र लाइसेंस क्यों मांग रही हैं.
उत्तरप्रदेश के बांदा स्थित तहसील अतर्रा के रहने वाले देवी शंकर सोनी नेहरू कॉन्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य थे. 23 सितम्बर 2018, गणेश विसर्जन के दिन कुछ लोगों ने घात लगाकर गोली मार हत्या कर दी. जिसकी चश्मदीद उनकी पुत्री प्राची सोनी और पुत्र अखिल सोनी हैं. पिता की हत्या के बाद प्राची सोनी ने 6 अभियुक्तों के खिलाफ नामज़द और दो अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज कराई लेकिन आज भी अपराधी आराम से बाहर घूम रहे हैं.
मृतक देवी शंकर सोनी के भाई रामदीन सोनी कहते हैं कि अपराधियों में कुछ लोग BJP से ताल्लुक रखते थे, उनको पुलिस पकड़ने से कतरा रही थी. 2 अभियुक्त को पुलिस ने दो दिन में पकड़ कर जेल भेज दिया था. मुख्य अभियुक्त सास्वत मिश्रा जो टॉप टेन अपराधी भी हैं उसने किसी कानपुर के अस्पताल में शरण ले रखी थी.
रामदीन सोनी कहते हैं कि अपराधी डेढ़ साल से आराम से घूमते रहे लेकिन विकास दूबे कांड के बाद जब योगी जी के तेवर सख्त हुए तो भाई के कुछ हत्यारे को पुलिस ने जेल भेज दिया, लेकिन वह सभी बेल होने के बाद फिर बाहर घूम रहे हैं. जिससे अब हमारे परिवार को खतरा और बढ़ गया है.
शस्त्र लाइसेंस की डिमांड पर बांदा के एडि. एसपी महेंद्र पी चौहान ने कहा कि शिक्षक रामदीन सोनी पर मुकदम है, इसलिए उनके नाम पर शस्त्र लाइसेंस नहीं दे पाएंगे. रही बात एसपी गणेश साहा के कार्यकाल में उनपर पक्षपात करने के आरोपों की तो इस पर मैं कमेंट नहीं कर पाऊंगा. वैसे अपराधियों को पकड़ कर जेल भेजा गया था जो फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं.
एडिशनल SP के इस बयान पर प्राचार्य रामदीन सोनी ने कहा कि "मैं एक शिक्षक हूं और मुझ पर 452, 504 आदि का मुकदमा लगा था. जिसमें FR लगी है जिसके अनुसार पुलिस ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट लगा दी कि मैंने कोई अपराध नहीं किया. मेरे विद्यालय को लेकर भी एक मुकदमा मुझ पर लगा है लेकिन उसमें भी FR लगा है. असल में सांसद विधायक नहीं चाहते कि हमारा शस्त्र लाइसेंस बनाया जाए. SP गणेश साहा ने कहा कि मैं खतरनाक आदमी हूं. अब बताइए एक शिक्षक कैसे खतरनाक है. वैसे कंडीशनल लाइसेंस मिलना चाहिए. अगर मुझे नहीं मिलेगा तो मेरे भतीजे को मिलना चाहिए."
देवी शंकर सोनी की पुत्री प्राची सोनी पिता के हत्या की मुख्य गवाह हैं. वह कहती हैं कि इस केस की मुख्य गवाह होने के कारण हमें दुश्मनों का काफी खतरा है. हमें लगता है कि वह हमें मार कर कहीं बरी न हो जाएं. इसलिए हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि हमारे भाई और चाचा जी को जल्द से जल्द शस्त्र लाइसेंस प्रदान करें लेकिन कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए घुटन भरी ज़िंदगी से अच्छा है हम आत्मदाह करलें.
रामदीन सोनी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अपनी व्यथा सुनाते हुए लिखा है कि 10 दिनों के अन्दर अगर हम लोगों को कंडीशनल शस्त्र लाइसेंस नहीं उपलब्ध कराया गया तो तीनों बच्चियां आत्महत्या कर लेंगी.
क्विंट ने जिलाधिकारी से जब पूछा कि प्राची सोनी ने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है तो जिलाधिकारी ने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा कोई आवेदन नहीं है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)