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बाराबंकी में ‘सेल्फी से हाजिरी’ का क्यों विरोध कर रहे हैं शिक्षक?

8 बजे सुबह तक सेल्फी नहीं भेजने पर कटेगी बाराबंकी के प्राथमिक शिक्षकों की सैलरी

विक्रांत दुबे
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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अब तकनीक का सहारा लिया है.
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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अब तकनीक का सहारा लिया है.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी से निपटने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अब तकनीक का सहारा लिया है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को दिन की शुरुआत करने से पहले कक्षाओं से सेल्फी खींचकर विभागीय वॉट्सऐप ग्रुप में भेजने का आदेश दिया है.

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बाराबंकी में ये शिकायत रहती थी कि शिक्षक पढ़ाने नहीं आते हैं. तैनाती के बाद मैंने जांच-पड़ताल की. जांच में पाया की 50% शिक्षक नहीं आते थे. इसको देखते हुए ये शुरू किया गया है
<b>मेधा रूपम, सीडीओ</b>

शिक्षकों को सख्त लहजे में निर्देश दिये गए हैं कि समय पर स्कूल पहुंचें और क्लास से सेल्फी लेकर भेजें, नहीं तो दिन का वेतन कटवाने के लिए तैयार रहें. इस कदम के बाद से पिछले दो महीने में अब तक करीब 550 शिक्षकों की सैलरी कट चुकी है.

विभाग ने इस प्रक्रिया को ‘सेल्फी अटेंडेंस मीटर’ का नाम दिया है. इसमें टीचरों को स्कूल पहुंचकर सबसे पहला काम एक सेल्फी लेकर विभाग के वॉट्सऐप ग्रुप पर पोस्ट करना है. इसी से उनकी स्कूल में उपस्थिति दर्ज मानी जाएगी.

फिलहाल सेल्फी अपलोड करने की समय सीमा सुबह 8 बजे की है. गर्मी की छुट्टियां होने से पहले मई में ही बाराबंकी के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में यह नया सिस्टम लागू हो गया था.

विभाग के शिक्षकों का मानना है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा. हालांकि, उनकी एक शिकायत भी है कि अगर ये नियम बेसिक शिक्षा विभाग के साथ ही सारे विभागों पर लागू कर दिया जाए तो और अच्छा होगा. क्योंकि सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग पर ये नियम लागू करने से उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच रही है.

विरोध का कारण बस इतना है कि ये प्रश्नचिह्न बेसिक विभाग के शिक्षकों पर ही क्यों? क्या वही समय पर नहीं आते? क्या सारी दिक्कतें उन्हीं की वजह से हैं? बाकी सारे विभाग एकदम सही हैं और किसी विभाग में कर्मचारी लेट नहीं होते हैं. हम ये नहीं कहते कि गलत को फॉलो कीजिए. हम शिक्षक हैं, समाज में उदाहरण सेट करते हैं. हमारा भी एक आत्मसम्मान हैं.
<b>पारूल शुक्ला, असिस्टेंट टीचर</b>

हालांकि, कुछ शिक्षकों ने विभाग की इस प्रक्रिया पर तर्क दिया है कि स्कूल में इंटरनेट की धीमी स्पीड और नेटवर्क की समस्या रहती है, नेट की स्पीड इतनी धीमी होती है कि सेल्फी पोस्ट ही नहीं हो पाती और हमें पूरे दिन की सैलरी से हाथ धोना पड़ता है. लेकिन अधिकारी ये तर्क नहीं मानते.

बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि “सेल्फी मिलने और वेरिफाइ करने की पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक है और इसे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के सख्त आदेश के बाद लागू किया गया है.”

उन्होंने कहा कि शिक्षकों को निर्देश दिये गए हैं कि अगर वे 8 बजे तक अपनी सेल्फी पोस्ट नहीं करते, तो उनकी पूरे दिन की सैलरी कटेगी. इसके अलावा स्कूल के समय में सोशल मीडिया साइटों पर सर्फिंग करते हुए पाए गए शिक्षकों को भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

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Published: 16 Jul 2019,08:06 PM IST

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